चार धाम के लिए रेलगाड़ी
करोड़ों देशवासियों के लिए आस्था चार धाम को इकहरी बड़ी लाइन द्वारा रेल नेटवर्क से जोड़ने की परियोजना को आखिरकार भारतीय रेलवे ने आगे बढ़ाने की प्रक्रिया तेज कर दी है;
सर्वेक्षण से आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय हुआ रेल मंत्रालय, शनिवार को रखेंगे आधारशिला
नई दिल्ली। करोड़ों देशवासियों के लिए आस्था के प्रतीक स्थल तीर्थ धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ को इकहरी बड़ी लाइन द्वारा रेल नेटवर्क से जोड़ने की परियोजना को आखिरकार भारतीय रेलवे ने आगे बढ़ाने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु इस रेल परियोजना के अंतिम सर्वेक्षण कार्य की शुरूआत के लिए शनिवार को बद्रीनाथ में आधारशिला रखेंगे। इस परियोजना के लिए वर्ष 2017-18 के बजट में 120.92 करोड़ रूपये की मंजूरी देते हुए तय किया गया है कि अंतिम सर्वेक्षण कार्य को शीघ्रातिशीघ्र पूरा किया जाए।
चार धाम तक बड़ी लाइन रेल सम्पर्क स्थापित करने का स्वप्न दिखाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही रेल मंत्रालय को स्पष्टï संकेत दिए हैं कि वे परियोजना में जुट जाएं। इसके साथ ही रेलवे लाइन बिछाने के लिए अंतिम स्थल-सर्वेक्षण का महत्वपूर्ण कार्य प्रारंभ कर रही है।
बद्रीनाथ में आयोजित होने वाले समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, त्रिवेंद्र सिंह रावत, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, राधा मोहन सिंह की मौजूदगी में यह आधारशिला रखी जाएगी।
भारतीय रेलवे के सार्वजनिक उपक्रम रेल विकास निगम लिमिटेड को चार धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ वाया देहरादून और कर्णप्रयाग तक रेल संपर्क स्थापित करने के लिए इंजीनियरिंग सर्वेक्षण का कार्य सौंपा गया है।
रेल विकास निगम लिमिटेड ने रेल संपर्क परियोजना के लिए वर्ष 2014-15 में प्रारंभिक सर्वेक्षण किया था और अक्टूबर 2015 में आई इसकी रिपोर्ट में दो उतराव स्थानों डोईवाला और कर्णप्रयाग की सिफारिश की गई थी।
बता दें कि यमुना नदी का उद्गम स्थल यमुनोत्री, समुद्र तल से 3293 मीटर की ऊंचाई पर है तो गंगोत्री 3408 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। केदारनाथ ज्योतिर्लिंग तीर्थ, समुद्रतल से 3583 मीटर की ऊंचाई पर व भगवान विष्णु का तीर्थ स्थल, बद्रीनाथ समुद्रतल से 3133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। चार धाम जाने के लिए अभी नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून, डोईवाला, ऋषिकेश और कर्णप्रयाग (समुद्रतल से 400-765 मीटर) हैं। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण रेल विकास निगम द्वारा किया जा रहा है। कर्णप्रयाग समुद्रतल से 400-765 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
समुद्रतल से 3200 मीटर की ऊंचाई तक बिछाई जाने वाली यह रेल लाइन ऊंची-नीची ढलान वाली तथा बेहद चुनौतीपूर्ण है। प्राथमिक सर्वेक्षण में इस 327 किलोमीटर लंबी प्रस्तावित रेल लाइन पर 43292 करोड़ रूपये की लागत आने का अनुमान हैं।