केंद्र सरकार के सेफ्टी गार्ड लगाने पर प्रतिबन्ध के खिलाफ लामबंद व्यापारी
केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में गाड़ियों के आगे सेफ्टी गार्ड लगाए जाने पर प्रतिबन्ध को लेकर विरोध शुरू हो गया है;
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में गाड़ियों के आगे सेफ्टी गार्ड लगाए जाने पर प्रतिबन्ध को लेकर विरोध शुरू हो गया है। इंडियन सेफ्टी गार्ड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने इस पर ऐतराज जताते हुए इसे औचित्यहीन, कानून के विपरीत और जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताते हुए सरकार से इस आदेश को वापिस लेने की मांग की है। व्यापारियों ने इस बाबत केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी से इस मामले में सीधे हस्तक्षेप का आग्रह किया है।
केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में मोटर व्हिकल एक्ट, 1988 की धारा 52 के अंतर्गत सेफ्टी गार्ड को असुरक्षित कहते हुए इसे गाड़ियों पर लगाने पर प्रतिबन्ध लगाया है और इस बारे में सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र भेजकर इस सलाह को लागू करने का आग्रह किया है। धारा 52 में गाड़ी के पंजीकरण सर्टिफिकेट में वर्णित विवरण में किसी भी संशोधन करने पर प्रतिबन्ध है जबकि सेफ्टी गार्ड पंजीकरण सर्टिफिकेट के दायरे में आते ही नहीं है।
इंडियन सेफ्टी गाड्र्स इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र मदान ने कहा कि सेफ्टी गार्ड को असुरक्षित कहना हास्यास्पद है जबकि वास्तव में सेफ्टी गार्ड गाड़ियों एवं उनमें बैठे लोगों की किसी भी एक्सीडेंट के समय बृहद रूप में रक्षा कवच का काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी आदेश पत्र कानून सम्मत भी नहीं हैं क्योंकि सेफ्टी गार्ड को लेकर अभी तक कोई कानून, नियम अथवा उपनियम नहीं है। यह सीधे तौर पर व्यापारियों के किसी भी तरह के व्यापार करने के संवैधानिक अधिकार के विरुद्ध है। श्री मदान ने सरकार से इस आदेश को वापिस लेने की मांग करते हुए कहा है की यदि इस मुद्दे पर सरकार की कोई चिंता है तो वो बातचीत के माध्यम से दूर की जा सकती है और यदि जरूरी हो तो सेफ्टी गार्ड के लिए कोई भी अतिरिक्त नियम भी बनाये जा सकते है। उन्होंने कहा कि इस व्यापार में देश भर में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 20 लाख लोग अपनी रोजी रोटी कमा रहे हैं जिनमें निर्माता, रॉ मैटेरियल सप्लायर, पैकर, फिटर, मैकेनिक, ट्रांसपोर्टर शामिल हैं।