विवाद के बीच टीएमसी राज्यसभा सदस्य की सरकार के व्हाट्सएप ग्रुप में बहाली

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और नौकरशाह से नेता बने जवाहर सरकार को उच्च सदन में पार्टी के सदस्यों के आंतरिक व्हाट्सएप ग्रुप से हटाए जाने के विवाद के बीच कुछ ही घंटों बाद ग्रुप में जोड़ दिया गया;

Update: 2022-09-03 23:37 GMT

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और नौकरशाह से नेता बने जवाहर सरकार को उच्च सदन में पार्टी के सदस्यों के आंतरिक व्हाट्सएप ग्रुप से हटाए जाने के विवाद के बीच कुछ ही घंटों बाद ग्रुप में जोड़ दिया गया। हालांकि, बहाली की प्रक्रिया अप्रत्यक्ष तरीके से की गई । उक्त व्हाट्सएप ग्रुप के एक सदस्य ने नाम न छापने की सख्त शर्त पर पुष्टि की।

पहला व्हाट्सएप ग्रुप जहां से शनिवार दोपहर को सरकार को हटाया गया था, खबर वायरल होने के तुरंत बाद उसे निष्क्रिय कर दिया गया था।

उसके बाद पार्टी के राज्यसभा सदस्यों का एक नया आंतरिक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया जिसमें उनके अन्य पार्टी सहयोगियों के साथ सरकार का नंबर शामिल था।

जबकि एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और प्रसार भारती के पूर्व सीईओ सरकार ने इस मामले में अपना 'कोई टिप्पणी नहीं' की, तृणमूल नेताओं ने भी इस रिपोर्ट को दाखिल करने तक डवलपमेंट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

हालांकि विपक्षी नेताओं ने पूरे घटनाक्रम का मजाक उड़ाया है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "अगर जवाहर सरकार राज्यसभा से इस्तीफा दे देते है, तो तृणमूल कांग्रेस उनके द्वारा खाली की गई सीट को करोड़ों रुपये में बेच देगी।"

हाल ही में, एक स्थानीय समाचार चैनल से बात करते हुए, सरकार ने कहा था कि वह राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री की करीबी सहयोगी और शिक्षक भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपी, अर्पिता मुखर्जी के दो आवासों से बरामद भारी नकदी से स्तब्ध हैं।

उन्होंने यह भी कहा था कि नकदी की बरामदगी को मीडिया में दिखाए जाने के बाद उनके परिवार के सदस्यों, दोस्तों और शुभचिंतकों की ओर से उन पर काफी दबाव था।

सरकार की टिप्पणी के बाद, सौगत रॉय और तापस रॉय जैसे तृणमूल के वरिष्ठ नेताओं ने कहा था कि उनकी टिप्पणी अनुचित थी और इससे पार्टी नेतृत्व को शमिर्ंदगी उठानी पड़ी।

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