टीबी से होने वाली बीमारियों को रोक सकता है समय पर लिया गया उपचार : शोध

एक शोध में यह बात सामने आई है कि अगर किसी व्यक्ति के त्वचा या रक्त परीक्षण में तपेदिक (टीबी) संक्रमण की पुष्टि होती है तो उसे आयु की परवाह किए बिना तुरंत उपचार लेना चाहिए;

Update: 2024-05-09 22:28 GMT

नई दिल्ली। एक शोध में यह बात सामने आई है कि अगर किसी व्यक्ति के त्वचा या रक्त परीक्षण में तपेदिक (टीबी) संक्रमण की पुष्टि होती है तो उसे आयु की परवाह किए बिना तुरंत उपचार लेना चाहिए।

तपेदिक (टीबी) के लिए निवारक उपचार गुप्त टीबी संक्रमण को बाद में घातक बीमारियों में विकसित होने से रोक सकता है।

अमेरिका में बोस्टन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को छोड़कर टीबी उपचार उन अधिकांश व्यक्तियों में प्रभावी नहीं था, जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं दिखे थे।

439,644 प्रतिभागियों में से टीम ने पाया कि टीबी से पीड़ित 2,496 व्यक्तियों में निवारक टीबी उपचार 49 प्रतिशत प्रभावी था। खासतौर पर उन व्यक्तियों पर इसका ज्यादा असर पड़ा जिनकी त्वचा या रक्त परीक्षण में तपेदिक (टीबी) संक्रमण की पुष्टि हुई है।

विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में वैश्विक स्वास्थ्य के प्रोफेसर डॉ. सी. रॉबर्ट होर्सबर्ग ने कहा, ''हालांकि समुदाय में टीबी वाले लोगों को ढूंढना और उनका इलाज करना महत्वपूर्ण है, लेकिन वैश्विक टीबी का खतरा तब तक खत्म नहीं होगा, जब तक कि गुप्त टीबी से पीड़ित लोगों को इलाज नहीं मिल जाता। इस अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि ऐसा उपचार कितना प्रभावी हो सकता है।''

महामारी विज्ञान के सहायक प्रोफेसर डॉ. लियोनार्डो मार्टिनेज ने कहा, ''तपेदिक हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है और लोगों के ठीक होने के बाद भी इसका लंबे समय तक प्रभाव बना रहता है। महामारी से निपटने के लिए इसके रोकथाम के तरीके खोजना वास्तव में महत्वपूर्ण है।''

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