भूख से तीन बच्चियों की मौत
राजधानी के पूर्वी दिल्ली इलाके में मंडावली थाना क्षेत्र में एक ही परिवार की तीन सगी बहनों की मौत से सनसनी फैल गई;
नई दिल्ली। राजधानी के पूर्वी दिल्ली इलाके में मंडावली थाना क्षेत्र में एक ही परिवार की तीन सगी बहनों की मौत से सनसनी फैल गई। मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि तीनों बच्चियों की मौत भुखमरी की वजह से हुई है। हालांकि अभी ये पता नहीं चल सका है कि ये तीनों कितने दिन से भूखी थीं। राजधानी में इस तरह की घटना का सामने आना काफी स्तब्ध करने वाला है। दरअसल मंगलवार की दोपहर पड़ोस में रहने वाले शख्स ने देखा कि बच्चियों की हालत खराब हो रही है और वह पानी मांग रही थी। इस शख्स ने उन तीनों को पानी पिलाया लेकिन तभी अचानक तीनों बच्चियां उल्टी करने लगी उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बच्चियों का पिता अभी भी लापता
दूसरी ओर बच्चियों का पिता भी मंगलवार की सुबह से लापता बताया जाता है। आसपास के लोगों ने बातचीत में बताया कि वह घर से काम ढूंढने के लिए निकला था। अस्पताल से सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर जा पहुंची। पुलिस ने आठ, चार और दो साल की तीनों बच्चियों के शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मंगलवार शाम को शवों का पोस्टमार्टम भी करा दिया है। पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त पंकज कुमार सिंह ने बताया कि बच्चियों का पिता मंगलवार सुबह काम ढूंढने जाने की बात कर निकला था, जो देर रात तक नहीं लौटा है। पूर्वी जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मूलरूप से पश्चिम बंगाल की रहने वाली शिखा, मानसी और पारुल परिवार के साथ मंडावली गांव स्थित इकबाल का गैराज मदरसे वाली गली में रहती थीं।
सात-आठ दिन से खाना नहीं मिला
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, उनके पेट में खाने के अंश नहीं मिले हैं इसलिए संभव है कि मौत कुपोषण और भुखमरी से हुई हो। डॉक्टरों के मुताबिक, उन्हें सात-आठ दिन से खाना नहीं मिला था। बच्चियों की मां वीणा की हालत मानसिक रूप से ठीक नहीं है और उसने जांच में बताया किबच्चियों को कई दिन से उल्टियां आ रही थीं इसलिए खाना नहीं दिया। वीणा ने बताया कि बच्चियों ने कई दिन से खाना नहीं खाया था क्योंकि उन्हें उल्टी और खांसी हो रही थी। बच्चियों के पिता मंगल सिंह पहले होटल पर बर्तन धोते थे, फिर मजदूरी करने लगे व अब रिक्शा चला रहे थे। मंगल के जानकार नारायण यादव ने बताया कि कुछ दिन पहले उनका रिक्शा चोरी हो गया तो उसके मकान मालिक ने भी उसे घर से निकाल दिया, क्योंकि रिक्शा उसी का था।
नारायण और मंगल के बीच 25 साल पुराना है याराना
बीते शनिवार को नारायण ने अपने एक कमरे के घर में मंगल सिंह के परिवार को भी रख लिया। नारायण ने बताया कि जब मंगल को घर से निकाला तो बारिश हो रही थी। बारिश में बच्चे कीचड़ में पड़े हों तो किसी को भी दया आ जाए। ये तो मेरा दोस्त था, इसलिए मैं बच्चों को अपने घर ले आया। नारायण और मंगल करीबन 25 साल पुराने दोस्त हैं और मंगल की शादी भी उसके सामने करीबन 10 साल पहले हुई थी। मंगल पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। पूर्वी दिल्ली पुलिस उपायुक्त पंकज कुमार ने बताया कि आज बच्चियों का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के बोर्ड से दोबारा करवाया गया है और हम रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वहीं पुलिस अब मृतक बच्चियों के पिता को तलाश कर रही है और इसके लिए कई टीमें दिल्ली के अलग अलग इलाकों में छानबीन कर रही हैं।
मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
दिल्ली सरकार ने तीन बच्चियों की मौत के मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। यह जानकारी दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व क्षेत्रीय विधायक मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर दी। सिसोदिया ने अपने बचाव में कहा कि परिवार दो दिन पहले ही मंडावली इलाके में मेहमान के तौर पर आया था।