कानन जू में डायरिया से तीन चौसिंगा की मौत, तीन गंभीर

इंसान तो इंसान अब वन्यप्राणियों पर भी डायरिया कहर बरपा रहा;

Update: 2018-09-03 13:10 GMT

बिलासपुर। इंसान तो इंसान अब वन्यप्राणियों पर भी डायरिया कहर बरपा रहा है। डायरिया की चपेट में आने से कानन पेंडारी जू के तीन चौसिंघा की मौत हो गई जबकि तीन की हालत नाजुक है। जिन्हें रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है। ,

अन्य वन्यप्राणियों को निमोनिया की शिकायत है। कानन पेंडारी में 20 चौसिंघा थे जिन्हें खुले केज में रखी गई है। पीनी के नीचे मिट्टी है। इन दिनों लगतार बारिश हो रही है। जिसके चलते चौसिंघा के केज में पानी जमा हो गया है। वन्यप्राणी की चहल-कदमी के कारण केज में कीचड़ हो गई है। दूषित पानी पीने और गंदगी के बीच रहने के कारण सात दिन पहले आधा दर्जन से अधिक चौसिंघा डायरिया की चपेट में आए थे। ,

रेस्क्यू सेंटर में रखकर इनका इलाज किया जा रहा था। शनिवार सुबह 3 चौसिंघा की मौत हो गई। इनमें दो नर और एक मादा शामिल है। चौसिंघा की मौत होते ही कानन पेंडारी प्रबंधन के बीच हड़कंप मच गया। तीन चौसिंघा की हालत नाजुक बताई जा रही है। जिन्हें रेस्क्यू सेंटर में रखकर इलाज किया जा रहा है। अन्य वन्यप्राणियों में निमोनिया की शिकायतें बताई जा रही है।

तीन चौसिंघा की मौत के बाद कानन प्रबंधन हरकत में आया और आनन-फानन में सुबह पंप लगाकर केज में जमा पानी को बाहर फेंका जा रहा है। कीचड़ को साफ करने के लिए मजूदर लगाए गए हैं। कानन पेंडारी के चिकित्सक डॉ.पी.के.चंदन का कहना है कि लगातार बारिश होने से जमीन के नीचे छह फीट तक नमी है।

इसके कारण पहले निमोनिया हुआ था, दवा दी तो हालत में सुधार हुआ फिर डायरिया हो गया। सात दिनों तक इलाज किया गया लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ और शनिवार सुबह 3 चौसिंघा की मौत हो गई। तीन और बीमार हैं जिनका इलाज किया जा रहा है।

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