ये है सिम्स...'अग्रिशामक' जमीन पर!
सिम्स के मेडिकल कालेज बिल्डिंग में अगर आग लग जाये तो मेडिकल स्टाफ व स्टूडेंट की जान पर बन आना तय है;
बिलासपुर। सिम्स के मेडिकल कालेज बिल्डिंग में अगर आग लग जाये तो मेडिकल स्टाफ व स्टूडेंट की जान पर बन आना तय है। क्योंकि आगजनी से बचने के लिए जो फायर एंड सेफ्टी सिलेंडर लगाये गये हैं। वे जमीन में पड़े नजर आ रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां की व्यवस्था कितनी लचर है।
सिम्स के मेडिकल कालेज स्थित दूसरी मंजिल पर स्थित डीन कक्ष जाने वाले फ्लोर पर आज ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला। जिसमें अग्रिशामक यंत्र नीचे फर्श पर गिरा पड़ा था। जबकि इस रास्ते से डाक्टर, स्टूडेंट सभी आना-जाना करते रहे। दीवारों पर फिट किये जाने वाले अग्रिशमन सिलेंडर फर्श पर पड़ा रहा। जिस पर किसी की नजर नहीं गई। वहीं रेत, पानी का इंतजाम भी नहीं है। इससे यह मालूम होता है कि मेडिकल कालेज में आगजनी के प्रति अधिकारी, डाक्टर्स व सुरक्षा गार्ड कितने सजग है।
लचर व्यवस्था
सिम्स अस्पताल में व मेडिकल कालेज में आग लगने या अन्य आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रबंधन के पास कोई प्लान नहीं है। ऐसी स्थिति निर्मित होने पर कमांड कौन करेगा, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। इससे किसी भी अप्रिय स्थिति में संकट खड़ा हो सकता। प्रदेश के दूसरे शासकीय अस्पतालों में एक के बाद एक अव्यवस्था सामने आ रही है। उसके बाद भी सुधार के लिए कोई गंभीरता नहीं दिखाई दे रही है।
अग्रिशमन यंत्र एक आग से बचाव का एक युक्ति है। जिसकी सहायता से आग पर काबू पाया जा सकता है। लेकिन सिम्स में लगे फायर एण्ड सेफ्टी में न तो पानी व रेत भी नहीं रखी गई है। साथ ही फायर सेफ्टी यंत्र फर्श पर गिरा पड़ा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर आग लगी तो लोग यहां कितने सुरक्षित है जबकि आये दिन अस्पतालों में आगजनी की घटना हो रही है। उसके बाद भी प्रबंधन बेपरवाह है।