दिल्ली विश्वविद्यालय की तीसरी कटऑफ लिस्ट हुई जारी

शनिवार देर शाम दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा तीसरी कटऑफ लिस्ट जारी कर दी गई;

Update: 2020-10-25 03:22 GMT

नई दिल्ली। शनिवार देर शाम दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा तीसरी कटऑफ लिस्ट जारी कर दी गई। तीसरी कटऑफ लिस्ट में सबसे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज ने अपनी कटऑफ लिस्ट जारी की है। जाकिर हुसैन कॉलेज के साथ ही आर्यभट्ट कॉलेज ने भी अपनी तीसरी कट-ऑफ सार्वजनिक की है। दिल्ली विश्वविद्यालय में अभी तक कुल 52183 छात्र अपनी फीस जमा करा चुके हैं। जिनके बाद उन्हें विश्वविद्यालय में दाखिला दिया जा चुका है।

इनके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय के राजधानी कॉलेज की भी तीसरी कटऑफ जारी कर दी है। आर्यभट्ट कॉलेज ने भी अपनी तीसरी कट-ऑफ लिस्ट में बीए ऑनर्स (इकोनॉमिक्स) में 95.75 फीसदी की मैरिट रखी है। दूसरी कटऑफ के मुकाबले तीसरी कटऑफ लिस्ट में केवल 0.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। यह मैरिट जनरल कैटेगिरी के लिए है।

राजधानी कॉलेज ने जनरल कैटेगिरी के लिए बीए ऑनर्स, इकनोमिक्स प्रोगाम के लिए 95 प्रतिशत कटऑफ रखी है।

तीसरी कटऑफ लिस्ट में बीएससी गणित के लिए कटऑफ 93. 25 प्रतिशत है। हालांकि बॉटनी में अब 88 फीसदी, केमिस्ट्री 92 प्रतिशत कटऑफ गई है। जुलॉजी पाठ्यक्रम में प्रवेश बंद कर दिए हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय 100 फीसदी कट-ऑफ को लेकर देशभर में चर्चा है। इसी बीच दिल्ली विश्वविद्यालय ने दूसरी और तीसरी कट ऑफ भी जारी की है। इसमें कई कॉलेजों ने खास विषयों में 45 फीसदी तक की कट ऑफ जारी की है। इन पाठ्यक्रमों में बीए हिंदी, संस्कृत, पंजाबी, उर्दू, पर्सियन आदि शामिल हैं।

दरअसल दिल्ली विश्वविद्यालय के कई कॉलेज हर साल अपने यहां खास पाठ्यक्रमों में आखिर तक छात्रों के न मिलने पर अंकों में गिरावट करते हैं। इस बार इन कॉलेजों ने दूसरी कट ऑफ में ही अपनी पर्सेंटेज गिरा दी है। आरक्षित श्रेणी व माइनॉरिटी के छात्र छात्राओं को भी एडमिशन लेने का मौका दिया गया है। इनमें से अधिकांश कोर्स ऐसे हैं, जिनमें बहुत कम छात्र दाखिला लेना चाहते हैं।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी व दिल्ली यूनिवर्सिटी एडमिशन कमेटी के पूर्व सदस्य प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा, "दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों की पहली कट-ऑफ लिस्ट को देखकर 50 फीसदी छात्र तनाव में थे। उन्होंने रेगुलर कॉलेजों में एडमिशन की अपनी इच्छा समाप्त कर ली थी। डीयू के कुछ कॉलेजों में 100 फीसदी कट ऑफ थी और कुछ पाठ्यक्रमों में 99 फीसदी तक कट ऑफ थीं। अब बाकी की कट ऑफ लिस्ट में कुछ कॉलेजों ने छात्रों के न मिलने पर अपने कट ऑफ लिस्ट में मैरिट कम कर ली है।"
 

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