हालात काबू में हैं और निपाह वायरस से डरने की कोई बात नहीं है:  स्वास्थ्य मंत्री​​​​​​​

केरल में निपाह वायरस (एनआईवी) से तीन लोगों की मौत की पुष्टि होने के बाद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने सोमवार को कहा कि हालात काबू में हैं और डरने की कोई बात नहीं है;

Update: 2018-05-21 16:22 GMT

कोझिकोड। केरल में निपाह वायरस (एनआईवी) से तीन लोगों की मौत की पुष्टि होने के बाद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने सोमवार को कहा कि हालात काबू में हैं और डरने की कोई बात नहीं है।

अभी आठ अन्य मरीजों की रिपोर्ट आनी बाकी है। उन्होंने कहा, "कोझिकोड चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के सभी उपनगरीय अस्पताल इस बुखार से सामना करने के लिए पूरी तरह उपकरणों से लैस हैं। जिन लोगों को बुखार है, उन्हें चिकित्सा महाविद्यालय में भीड़ लगाने की जरूरत नहीं है।"

   

शैलजा ने कहा, "इस वक्त आठ मरीजों का इलाज चल रहा है। उनके नमूने पुणे भेज दिए गए हैं और नतीजे आने बाकी हैं।"

निपाह वायरस चमकादड़ों से फैलता है। इससे जानवर और इंसान दोनों प्रभावित होते हैं। इस वायरस से कुछ ही सप्ताह के भीतर पीरमबाड़ा में दो भाइयों और उनकी एक रिश्तेदार की मौत हुई है, जबकि आठ अन्य लोग चिकित्सा निगरानी में हैं।

संक्रमित चमकादड़ों, सुअरों और एनआईवी से ग्रस्त लोगों के साथ सीधे तौर पर संपर्क में आने से एनआईवी फैल रहा है।

शैलजा ने कहा, "निपाह वायरस के कारण मृत हुए साबिथ और उसके भाई के घर पर स्वास्थ्य अधिकारी गए और उन्होंने पाया कि उनके घर में एक कुंआ था, जिसका उपयोग नहीं किया जाता था, लेकिन उसमें बहुत से चमगादड़ भरे पड़े थे।"

उन्होंने कहा, "अधिकारियों ने कुएं के ऊपरी हिस्से को बंद कर दिया, ताकि बचे हुए चमगादड़ बाहर न आएं।"

उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे पेड़ से गिरे हुए फल नहीं खाएं।

उन्होंने कहा, "जागरूकता कार्यक्रम शुरू कर दिए गए हैं और भारतीय चिकित्सा संघ व निजी अस्पतालों के चिकित्सा दल तैयार किए जा रहे हैं।"

राज्य सरकार ने कोझिकोड चिकित्सा महाविद्यालय के लिए 20 लाख रुपये का आपात कोष जारी किया है, ताकि वर्तमान बुखार से निपटा किया जा सके।

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