बोतलबंद पेयजल में सूक्ष्म प्लास्टिक संदूषण से कोई खतरा नहीं : एफएसएसएआई

 खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने शुक्रवार को कहा कि एक अमेरिकी एनजीओ द्वारा भारत में बोतल बंद पेयजल में सूक्ष्म प्लास्टिक के संदूषण के बारे में जो कहा गया है;

Update: 2018-03-17 00:25 GMT

नई दिल्ली। खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने शुक्रवार को कहा कि एक अमेरिकी एनजीओ द्वारा भारत में बोतल बंद पेयजल में सूक्ष्म प्लास्टिक के संदूषण के बारे में जो कहा गया है उससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि उसमें स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करने वाली ऐसी कोई चीज नहीं मिली है। एफएसएसएआई के सीईओ पवन कुमार अग्रवाल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "हमने बोतलबंद पेयजल में सूक्ष्म प्लास्टिक संदूषण की रिपोर्ट पढ़ी और उस पर चर्चा की। प्रथम दृष्टया इसमें कोई खतरनाक चीज नहीं है क्योंकि अवशिष्ट का सत्र 0.1 हिस्सा प्रति अरब (पीपीबी) है। इससे स्वास्थ्य को खतरा पैदा करने वाली कोई बात सामने नहीं आई है। "

अमेरिका की एक गैर लाभकारी संस्था 'ओर्ब मीडिया' की रिपोर्ट में खुलासा कहा गया है कि भारत के अग्रणी ब्रांड के बोतलबंद पेयजल में पॉलीप्रोपिलीन, नायलॉन और पॉलीथिलीन टेरेफ्थेलेट जैसे 90 फीसदी तत्व मौजूद रहते हैं। 

शोध के अनुसार इन तत्वों की मौजूदगी 11 कंपनियों की 259 बोतलों के पानी में 93 फीसदी दर्ज की गई।

नमूनों से 93 फीसदी प्लास्टिक मिली। औसतन एक बोतल में जिनकी संख्या जीरो से 10,000 कण तक पाई गई।

जिन कंपनियों के पानी के नमूने लिए गए हैं उनके नाम एक्वा (डेनॉन), एक्वाफिना (पेप्सिको), बिसलेरी (बिसलेरी इंटरनेशनल), डसानी (कोका-कोला), ईप्यूरा (पेप्सिको), एविआन (डेनॉन), गेरॉल्स्टीनियर (गेरॉल्स्टीनियर ब्रनेन), मिनाल्बा (ग्रुपो एड्सन क्वीरोज), नेस्ले प्योर लाइफ (नेस्ले), सेन पेलेग्रिनो (नेस्ले), वहाहा (हांग्झोऊ वहाहा ग्रुप) हैं।

बिसलेरी इंटरनेशनल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक रमेश चौहान ने कहा, "बिसलेरी के जल को शुद्धता के दस चरणों से गुजारा जाता है। हमारे पास खुद के गुणवत्ता परीक्षण मापदंड हैं।"

शोध में बताया गया कि जो व्यक्ति एक दिन में एक लीटर बोतल बंद पानी पीता है वह प्रतिवर्ष प्लास्टिक के दस हजार तक सूक्ष्म कण ग्रहण करता है।

शोध में 100 माइक्रोंस और 6.5 माइक्रोंस के आकार के दूषित कणों की पहचान हुई। प्लास्टिक के छोटे कण औसतन प्रति बोतल 10.4 पाए गए। प्लास्टिक के सूक्ष्म कण तो 325 कण प्रति बोतल पाए गए।

पेप्सिको इंडिया ने भी इस दावे को चुनौती देते हुए गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, "एक्वाफिना गुणवत्ता के मापदंडों का सख्ती से पालन करती है जिससे दुनिया में कहीं भी इसके उत्पादों का सुरक्षित उपभोग हो सके। "

बाजार में 147 अरब डॉलर प्रति वर्ष के व्यापार के साथ यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला पेय उत्पाद उद्योग है। भारत में 64 किलोग्राम के वजन के स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन औसतन छह लीटर पानी पीना चाहिए।

दूषित पानी पीने से कई जानलेवा बीमारियां जन्म ले लेती हैं।
 

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