किसान की कोई जाति नहीं होती , वह केवल किसान होता है: वेंकैया नायडू

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि किसान की कोई जाति नहीं होती , वह केवल किसान होता है;

Update: 2021-02-05 18:26 GMT

नयी दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि किसान की कोई जाति नहीं होती , वह केवल किसान होता है।

एम. वेंकैया नायडू ने सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान यह टिप्पणी की।

इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा ने चर्चा के दौरान कहा था कि मीडिया का एक वर्ग किसानों को धर्म के आधार पर बांट रहा है और हिन्दू - सिख समुदाय का आपसी सौहार्द्र नष्ट करने का प्रयास कर रहा है। किसानों के आंदोलन को धर्म और जाति के आधार देखा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि किसानों को घर्म और जाति के आधार पर विभाजित करने के प्रयासों पर रोक लगाई जानी चाहिए। इस पर सभापति ने  ढींढसा से सहमति व्यक्त की और कहा कि किसानों को धर्म या जाति के आधार पर नहीं बांटा जा सकता. किसान केवल किेसान होता है।

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