पलायन कर रहे श्रमिकों को उनके गृह ग्राम भेजा गया

सभी श्रमिकों को श्रम कानून के अंतर्गत पलायन के दुष्प्रभाव की जानकारी देते हुए उन्हें अपने-अपने गृह ग्राम भेजा गया;

Update: 2018-12-21 15:29 GMT

महासमुंद। जिले में पलायन को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे है और इसे रोकने में सफलता भी मिल रही है। इसी तारतम्य में श्रम विभाग, तहसीलदार बागबाहरा एवं थाना कोमाखान की संयुक्त टीम द्वारा 20 दिसंबर को रेलवे स्टेशन कोमाखान में मजदूर पलायन संबंधित जांच करते हुए कुल 76 श्रमिक एवं उनके 11 बच्चों को मजदूर दलाल मुन्ना जगत निवासी हरदी तहसील नुवापारा, खरीयार रोड़ (उड़िसा), संतोष साहू निवासी हरदी तहसील नुवापारा, खरीयार रोड़ (उड़िसा) एवं बुधंकर साहू ग्राम जेंजरा, तहसील नुवापारा, खरीयार रोड़ (उड़िसा) द्वारा महासमुंद जिला तथा गरियाबंद जिले के ग्राम बिन्द्रावन पोस्ट नर्रा, ग्राम कसेकेरा, सलिहापानी पोस्ट कसेकेरा, ग्राम खेमड़ा पोस्ट देवरी, ग्राम साल्हेभाठा जिला महासमुंद एवं गरियाबंद जिले से ग्राम छिदौंली कोठी, थाना छुरा एवं नवापारा से उक्त मजदूरों को उत्तरप्रदेश के बस्ती जिला में ईंट बनाने के लिये पलायन कराया जा रहा था।

उक्त सभी श्रमिकों को श्रम कानून के अंतर्गत पलायन के दुष्प्रभाव की जानकारी देते हुए उन्हें अपने-अपने गृह ग्राम भेजा गया। जिला श्रम पदाधिकारी ने बताया कि संयुक्त टीम द्वारा की गई कार्रवाई में श्रम विभाग के श्रम निरीक्षक अमित कुमार चिराम, नायब तहसीलदार रामखिलावन वर्मा, थाना प्रभारी कोमाखान  टीकाराम नारंग, आरक्षक  तोषकुमार दीवान, श्रम मित्र  किशुन पाटले, सेवक चक्रधारी उपस्थित थे।   

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