तकनीक रेलकर्मियों से प्रभु को जोड़ेगी
रेल मंत्री सुरेश प्रभु समय पर रेलगाड़िय़ों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए अब देश में किसी भी गांव, स्टेशन पर मौजूद रेलकर्मी अथवा सेवानिवृत्त रेलकर्मी से सीधे बात करेंगे;
नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु समय पर रेलगाड़िय़ों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए अब देश में किसी भी गांव, स्टेशन पर मौजूद रेलकर्मी अथवा सेवानिवृत्त रेलकर्मी से सीधे बात करेंगे। ऐसे रेलकर्मी जो रेल मंत्री तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं, उनके लिए भी मोबाइल फोन से सीधे प्रभु संपर्क में होंगे।
अमूमन वॉयस रिकार्डिंग जैसी सेवाओं पर ऐसी सुविधा होती है और बात सुनी जा सकती है लेकिन रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने जो योजना तैयार की है उसमें रेलमंत्री सुरेश प्रभु फोन करने वालों के सवालों का जवाब देंगे और अपना संदेश भी मोबाइल के जरिए पहुंचाएंगे।
रेल मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की मानें तो इस दिशा में काम शुरू किया जा चुका है और मोबाइल की इस आधुनिक तकनीक को रेलवे के लिए जुटाने की पहल कंपनियों को आमंत्रित कर होने जा रही है। ऐसे तकनीक विशेषज्ञों से संपर्क साधा जा रहा है जो कि मोबाइल से रेलकर्मियों तक आसानी से पहुंचने का रास्ता निकाल सकें।
रेलवे की इस पहल से रेलकर्मियों की समस्याओं का जहां तत्काल समाधान होने की संभावना रहेगी वहीं रेलमंत्री भी उनसे जुड़े रह सकेंगे।
अधिकारी मानते हैं कि इस योजना से न सिर्फ अधिकारियों के कामकाज में सुधार आएगा बल्कि वे कर्मचारियों की समस्याओं पर लगने वाले समय को फिर अन्य कार्यों में लगाकर रेलवे की सेहत सुधारेंगे और कागज आदि पर खर्च में रेलवे को सालाना करोड़ों रुपए की बचत होगी।
अधिकारी बताते हैं कि कई बार रेलमंत्री अपने वर्तमान और पूर्व रेलकर्मियों तक पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन सभी तक समय पर पहुंचा नहीं पाते हैं। हजारों पूर्व रेलकर्मी दूर-दराज के गांव में रहते हैं और जब तक उनके पास संदेश पहुंचता है, उस संदेश की महत्ता ही कम हो जाती है। इसलिए हम मोबाइल फोन को इसका माध्यम बनाना चाहते हैं। इसमें एसएमएस, व्हाट्सएप समेत तमाम साधनों को अपनाया जा सकता है। क्योंकि आज के समय में लगभग सभी के पास मोबाइल फोन हैं और यह आज सभी दूर दराज के इलाकों में लभगग पहुंच चुका है।