उच्चतम न्यायालय का फैसला है दिल्ली की जनता की जीत: अरविंद केजरीवाल

 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को यहां के लोगों की जीत बताया है;

Update: 2018-07-04 13:02 GMT

नयी दिल्ली।  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को यहां के लोगों की जीत बताया है।

केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि यह दिल्ली के लोगों की बड़ी जीत है। साथ ही साथ लोकतंत्र की भी बड़ी जीत है।

A big victory for the people of Delhi...a big victory for democracy...

— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 4, 2018


 

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा,“यह उच्चतम न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला है। अब दिल्ली सरकार को फाइलें उप राज्यपाल को नहीं भेजनी होंगी और काम नहीं रुकेगा। हम दिल्ली की जनता की ओर से सुप्रीम कोर्ट का आभार जताते हैं। उपराज्यपाल को कैबिनेट के फैसले को मानना होगा। तबादला और नियुक्ति सरकार ही करेगी।”

दिल्ली की जनता की तरफ से मा. सुप्रीम कोर्ट का तहे दिल से शुक्रिया -
- जनता की चुनी हुई सरकार अब दिल्ली की जनता के लिए फैसले ले सकेगी और फाइलें एलजी के पास भेजने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी
- चुनी हुई सरकार अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग कर
 सकेगी।
लोकतंत्र में लोक महत्वपूर्ण।

— Manish Sisodia (@msisodia) July 4, 2018


 

"67/3 दिल्ली की जनता का एक ऐतिहासिक फैसला था, आज माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एक और महत्वपूर्ण फैंसला दिया है।

मैं दिल्ली की जनता की तरफ से इस फैसले के लिए धन्यवाद करता हूँ जिसमे माननीय न्यायालय ने जनता को ही सर्वोच्च बताया है"- @msisodia pic.twitter.com/n2HLz3Hhkl

— AAP (@AamAadmiParty) July 4, 2018

"LG को मनमानी का अधिकार नहीं, दिल्ली सरकार के काम को रोका जा रहा था"- @msisodia pic.twitter.com/A52VIFCxyi

— AAP (@AamAadmiParty) July 4, 2018


 

सिसोदिया ने कहा कि पूर्ण राज्य का आंदोलन चलता रहेगा।

"पूर्ण राज्य का आंदोलन चलता रहेगा"- @msisodia pic.twitter.com/6kZ001DX8J

— AAP (@AamAadmiParty) July 4, 2018


 

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि उपराज्यपाल कानून व्यवस्था, पुलिस और भूमि संबंधी मामलों के लिए विशेष रूप से जिम्मेदार हैं लेकिन अन्य मामलों में उन्हें मंत्रिपरिषद की सलाह माननी होगी।

 

संविधान पीठ ने कहा कि उपराज्यपाल मंत्रिपरिषद के प्रत्येक निर्णय को राष्ट्रपति के पास नहीं भेज सकते। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि उपराज्यपाल को निर्वाचित सरकार के कामकाज को बाधित नहीं करना चाहिए।

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