आजादी की लड़ाई में संघ की भूमिका नगण्य : अखिलेश

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्य और आदर्शो को मौजूदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने भुलाने का काम किया है;

Update: 2020-12-11 04:40 GMT

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्य और आदर्शो को मौजूदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने भुलाने का काम किया है।

श्री यादव ने गुरूवार को लखनऊ से बीस किलोमीटर गोसाईंगंज में स्थापित झण्डा स्मारक पर पहुंचकर भावभीनी पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने शहीदों की स्मृति को संजोए रखने पर बल देते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई में जिन्होंने अपने प्राणों की आहूति दी वे हमारी प्रेरणा के स्रोत हैं। समाज अपने पूर्वजों के त्याग, समर्पण की भावना के प्रति नतमस्तक है। उनकी तपस्या से ही आज हम आजादी की हवा में सांस ले रहे हैं।

उन्होने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के जो मूल्य और आदर्श थे वर्तमान भाजपा सरकार ने उनको भुलाने का काम किया है। भाजपा-आरएसएस की भारत के स्वातंत्रता आंदोलन में कोई सहभागिता या भूमिका नहीं थी। इसलिए वे शहीदों की विरासत के प्रति न्याय नहीं कर सकते है। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में गांधी जी सहित जब कांग्रेस के बड़े नेता गिरफ्तार हो गए थे तब समाजवादी नेताओं डाॅ राममनोहर लोहिया, लोकनायक जयप्रकाश नारायण तथा अरूणा आसफ अली आदि ने ही आंदोलन की कमान सम्भाली थी।

गोसाईंगंज नगर पंचायत का गठन 1915 ई में हुआ था इस कस्बे से 1921 से 1942 के बीच 42 लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया इनमें 3 महिलाएं भी थी। इस क्षेत्र में झण्डा स्मारक निर्माण स्वतंत्रता सेनानी श्री मंगल प्रसाद यादव ने की थी। उनके नाती श्री बृजेश यादव ने बताया कि 1930 में यहां स्वतंत्रता आंदोलन का झण्डा लगा था जिसे पुलिस जबरन उतारकर ले गई थी। 1936 में श्री जवाहर लाल नेहरू ने ध्वज फहराया और 20 नवम्बर 1938 में नेता जी सुभाष चंद्र बोस पधारे थे, उन्होंने भी झण्डा स्मारक पर ध्वजारोहण किया था। इस क्षेत्र के किसानों के लिए यह गर्व का अवसर था।

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