तीन बहनों के अपहर्ता 'फर्जी-दरोगा' को असली पुलिस ने दबोचा
दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस ने तीन सगी बहनों का अपहरण करने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस के चंगुल में फंसा अपहर्ता खुद को दिल्ली पुलिस का दारोगा बताकर मोटी रकम ऐंठने की जुगत में था;
नई दिल्ली। दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस ने तीन सगी बहनों का अपहरण करने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस के चंगुल में फंसा अपहर्ता खुद को दिल्ली पुलिस का दारोगा बताकर मोटी रकम ऐंठने की जुगत में था। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से तीनों बहनों को भी सकुशल रिहा करा लिया है। जिला पुलिस उपायुक्त चिन्मय बिस्वाल ने आईएएनएस को बताया, "आरोपी का नाम बिमल कुमार(38) है। वह दिल्ली से सटे उप्र के हाईटेक शहर नोएडा के सेक्टर-5 हरोला में रहता था। बिमल ने पूछताछ में बताया कि वह एक एनजीओ (गैर-सरकारी संगठन) में मार्केटिंग हेड के रूप में काम कर रहा है। इससे पहले वह दिल्ली के जैतपुर इलाके से संचालित एक एनजीओ में कार्यरत था।"
डीसीपी ने बताया, "22 अगस्त को दोपहर करीब 12 बजे दिल्ली के जैतपुर (खड्डा कॉलोनी) इलाके में रहने वाले यशपाल सिंह को उनके मोबाइल पर एक कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को दिल्ली के कालिंदी कुंज थाने में तैनात सहायक उपनिरीक्षक बताया। फोन कॉल करने वाले ने यशपाल सिंह से कहा कि उसकी तीन नाबालिग भतीजियों (17, 15 और 11 साल) ने उसके खिलाफ थाने में शिकायत दी हैं। यशपाल ने खुद के गुरुग्राम (हरियाणा) स्थित दफ्तर में होने के कारण पूरी बात पत्नी को बताई। पत्नी दिल्ली के कालिंदी कुंज थाने हकीकत जानने गई। थाने में उन्हें बताया गया कि उनके पति के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। न ही थाने में तीन नाबालिग लड़कियां मौजूद हैं।"
डीसीपी विश्वाल ने कहा, "यशपाल की पत्नी के थाने पहुंचने पर पूरा मामला संदिग्ध लगा। इसके कुछ ही देर बाद संदिग्ध की फोन कॉल जब दोबारा आई तो उसने कहा कि तीनों लड़कियां खड्डा कॉलोनी पुलिस बूथ पर किसी और पुलिस वाले के कब्जे में हैं न कि थाना कालिंदी कुंज में। थोड़ी देर में जांच के बाद यह बात भी झूठी साबित हो गई। पुलिस ने जब यशपाल के घर के आसपास के सीसीटीवी फूटेज देखे तो मामले को सुलझाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे।"
पुलिस के मुताबिक, अभी जांच पड़ताल चल ही रही थी कि किसी तरह से संदिग्ध ने पीड़ित परिवार से 12 हजार रुपये की अवैध वसूली कर ली। इसी बीच पुलिस ने खुफिया सूत्रों की मदद से 23 अगस्त को सुबह बिमल कुमार को पकड़ लिया। गिरफ्तारी के वक्त वह मोटर साइकिल से कहीं जा रहा था। आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने बंधक बनी तीनों लड़कियों को भी सकुशल रिहा करा लिया।