आरटीआई के दायरे में आएगा प्रधान न्यायाधीश का कार्यालय : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि प्रधान न्यायाधीश का कार्यालय सूचना का अधिकार अधिनियम के दायरे में आता है;

Update: 2019-11-14 00:47 GMT

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि प्रधान न्यायाधीश का कार्यालय सूचना का अधिकार अधिनियम के दायरे में आता है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपक गुप्ता ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश का कार्यालय आरटीआई के तहत एक सार्वजनिक प्राधिकरण है और इसके साथ ही न्यायालय ने इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के इस संबंध में 2010 के फैसले को बरकरार रखा।

सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में तीन फैसले पारित किए, जिसमें से एक प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना व दीपक गुप्ता ने पारित किया और दो अलग-अलग आदेश न्यायमूर्ति एन.वी.रमण और डी.वाई चंद्रचूड़ ने पारित किया।

अदालत ने कहा, "पारदर्शिता और जवाबदेही को साथ-साथ चलना चाहिए और प्रधान न्यायाधीश का कार्यालय आरटीआई के दायरे में है।"

न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, "पारदर्शिता न्यायिक स्वतंत्रता को मजबूत करता है।"

इस निर्णय के जरिए, सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष अदालत के महासचिव की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय को आरटीआई के दायरे में लाने के फैसले का विरोध किया था।

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