जमीन बंटवारे को लेकर भतीजे ने की थी चाचा की हत्या
चांपा के बिहारी कॉलोनी पीआईएल में हुये एक सप्ताह पूर्व ब्लाईंड मर्डर केस की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है;
5 दिन बाद पुलिस को मिली बिहारी कॉलोनी अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में सफलता
जांजगीर। चांपा के बिहारी कॉलोनी पीआईएल में हुये एक सप्ताह पूर्व ब्लाईंड मर्डर केस की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है, मृतक का हत्यारा और कोई नहीं बल्कि उसका रिश्तेदार भतीजा ही निकला है, जो जमीन विवाद के चलते उक्त चाचा की हत्या कर फरार हो गया। जिसका खुलासा पुलिस ने की है। वहीं पुलिस ने हत्या के आरोप में मृतक के भतीजे को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड में जेल भेज दिया गया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गत 24 सितम्बर को बिहारी कॉलोनी पीआईएल चांपा में 40 वर्षीय युवक का सिर कुचला लाश बरामद हुआ था, जिसका शिनाख्त बाद में पीथमपुर निवासी नीलकंठ पिता पंचराम साहू के रूप में हुआ था।
इस मामले में मौके एवं पीएम रिपोर्ट से मिले साक्ष्य के आधार पर भादवि की धारा 302 कायम कर चांपा पुलिस द्वारा विवेचना में लिया गया था तथा मृतक नीलकंठ के से जुड़े प्रत्येक पहलूओं पर जांच पड़ताल किया जा रहा था, इसी दौरान पता चला कि मृतक नीलकंठ का सौतेला बड़े भाई धनीराम से जमीन बंटवारे की बात को लेकर विवाद चल रहा है, जिस पर पुलिस को पता चला कि धनीराम के पुत्र जितेन्द्र साहू तमनार जिला रायगढ़ जिंदल पॉवर प्लांट में काम करता है तथा जमीन विवाद को लेकर काफी आक्रोशित है।
इस पहलू पर पुलिस ने काम करते हुये संदेही जितेन्द्र साहू को थाना तलब कर मनोविज्ञानिक ढंग से पूछताछ किया, जिस पर उन्होंने अपना अपराध स्वीकार करते हुये लोहे की राड से हत्या करना कबूल कर लिया, जिसके बाद आज उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक रिमाण्ड में जेल भेज दिया गया है।
उपरोक्त मामले का खुलासा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज चंद्रा, एसडीओपी अशोक शर्मा की उपस्थिति में चांपा एसडीओपी उदयन बेहार ने पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित प्रेसवार्ता में किया, वहीं आरोपी की गिरफ्तारी कार्रवाई में एसडीओपी उदयन बेहार के साथ चांपा थाना प्रभारी केपी मरकाम, उपनिरीक्षक एसपी सिंह, प्रधान आरक्षक मनोज कुमार, मुकेश पाण्डेय, आरक्षक धर्मेन्द्र तिवारी, दिलीप कश्यप, विवेक सिंह, माखन साहू का योगदान रहा।
मृतक के आने-जाने का रखता था जानकारी
घटना के संबंध में आरोपी जितेन्द्र साहू ने बताया कि बंटवारे के जमीन को लेकर आये दिन विवाद होता था। जिस पर चाचा की हत्या करने के पूर्व आने जाने की जानकारी रखने लिए कईबार वह ड्यूटी छोड़कर पीआईएल चांपा आया करता था और प्लान तैयार करने के बाद घटना के दिन जिंदल पॉवर प्लांट तमनार से शाम 6 बजे अपने पल्सर मोटर सायकल से चांपा के लिए निकला और रात्रि घटना स्थल में नीलकंठ साहू की हत्या के वारदात को अंजाम देने के बाद तुरन्त अपने ड्यूटी के लिए 2 बजे रात तमनार पहुंच गया था।
वहीं घटना की जानकारी मिलने पर सुबह अपने चाचा की मौत मिट्टी में शामिल होने पीथमपुर आ गया, जबकि हत्या के वारदात को अंजाम देने के लिए उसने घटना दिनांक के 15 दिन पहले हत्या में प्रयुक्त लोहे की राड खरीद लिया था और प्रत्येक सप्ताह तमनार से गांव के लिए आना होता था, तो उसने अपने चाचा की ड्यूटी में आने-जाने की समय का भी पूरा जानकारी एकत्रित कर ली थी।