प्रदूषण की मुख्य वजह अवैध निर्माण : भूरे लाल

देश में बढ़ते वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए बुधवार को सेक्टर-6 स्थित इंदिरा गांधी कला केंद्र में अधिसूचित ग्रेडर रेसपांस एक्शन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया;

Update: 2017-05-31 23:27 GMT

नोएडा। देश में बढ़ते वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए बुधवार को सेक्टर-6 स्थित इंदिरा गांधी कला केंद्र में अधिसूचित ग्रेडर रेसपांस एक्शन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह आयोजन पार्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में ईपीसीए के अध्यक्ष भूरे लाल व सचिव सुनिता नारायण के अलावा अपर मुख्य सचिव संजीव सरन मौजूद रहे। इस दौरान देश में बढ़ते वायु प्रदूषण को कैसे रोका जाए इसको लेकर वृहद चर्चा की गई। कार्यक्रम के दौरान शहर में हाइराइज बिल्डिंगों का मुद्दा उठाया गया। 

जिसमें कहा गया कि शहर की प्लानिंग यहा पीपीएच के हिसाब से नहीं की जा रही है। दरअसल, स्थापना के दौरान यहा का पीपीएच 80 लोग था। लेकिन विकास की रफ्तार बढ़ने के साथ यहा पीपीएच 1650 व 2000 लोग पास किए जाने पर विचार किया जा रहा है। यहा के चौराहों के पास रिहाएशी बिल्डिंग का निर्माण जारी है। ऐसे में भविष्य में यातायात कंजेक्शन की समस्या होना लाजमी है।

ऐसे में भूूरे लाल ने प्राधिकरण सीईओ को निर्देश दिए। साथ ही भविष्य में इस तरह की समस्या से प्रदूषण में इजाफा न हो इसके लिए एक प्लानिंग तैयार करने को कहा है। वहीं यमुना में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जाहिर करते हुए भूरे लाल ने स्पष्ट कहा कि चिल्ला में एसटीपी के निर्माण पूरा किया जा चुका है।

वहां पानी ट्रीट किया जा रहा है। लेकिन अवैध निर्माण व अवैध कॉलोनियों से आने वाला सीवरेज ट्रीट पानी में गिर रहा है। यह पानी यमुना में जाता है। मसलन यदि अवैध निर्माण को हटा दिया जाए तो यमुना में बढ़ते प्रदूषण पर रोका जा सकेगा। 

16 स्थानों पर लगाए जाएंगे ऑटो मैटिक एयर स्टेशन 

शहर में प्रदूषण स्तर को मापने के लिए 16 स्थानों पर ऑटोमैटिक एयर स्टेशन लगाए जाएंगे। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिए जा चुके है। स्टेशन कहा लगाए जाए इसको लेकर विभाग एक सर्वे रिपोर्ट तैयार करेगा। रिपोर्ट में स्पष्ट करना होगा कि जिन स्थानों पर स्टेशन लगाए जाएंगे वहां इनकी आवश्यकता क्यो है। ताकि शहर में बढ़ रहे प्रदूषण की मापने के साथ उसे नियंत्रित किया जा सके।

बताते चले कि शहर में आवासीय व औद्योगिक सेक्टरों में प्रदूषण के स्तर को मापने के लिए दो मानिटरिंग मशीन लगी है। जिसमे एक मशीन मैन्यूवल आपरेट की जाती है। जबकि एक ऑटोमैटिक मशीन है।

जिससे पूरे शहर का प्रदूषण मापा जाता है। सटीकता की कमी के चलते एक स्टेशन एमिटी के पास भी लगाया गया। लेकिन यह तीन मशीन भी पूरे शहर के प्रदूषण को मापने में असफल है। ऐसे में अब यहा 16 स्थानों पर ऑटोमैटिक मशीन लगाई जाएंगी। इसको लेकर शासन स्तर पर कार्यवाही की जा रही है। सर्वे रिपोर्ट आते ही यहा उपकरणो को लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। 

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