भाजपा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए अन्य दलों के समपर्क में है तेदेपा

 आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी का दर्जा नहीं दिए जाने और अन्य मांगोें को पूरा नहीं करने से खिन्न तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने आगामी मानसून सत्र में केन्द्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए;

Update: 2018-07-16 14:57 GMT

नयी दिल्ली।  आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी का दर्जा नहीं दिए जाने और अन्य मांगोें को पूरा नहीं करने से खिन्न तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने आगामी मानसून सत्र में केन्द्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के मसले पर गैर भाजपाई और गैर कांग्रेसी दलों से समर्थन जुटाने के लिए संपर्क साधना शुरू कर दिया है।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि तेदेपा के सांसदाें ने छह अलग-अलग समूह बनाए हैं और उन्होंने तृणमूल कांग्रेस, बीजू जनता दल, अकाली दल, आम आदमी पार्टी , मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, शिव सेना ,द्रमुक, अन्नाद्रमुक, जनता दल (सेक्युलर), समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) राष्ट्रीय जनता दल, लोक जन शक्ति पार्टी, एआईएमआईएम, केरल कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोक दल, राष्ट्रीय लोक दल, सिक्किम डेमाेक्रेटिक फ्रंट आैर अन्य दलाें से केन्द्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के मसले पर समर्थन जुटाने की कवायद शुरू कर दी है।

तेदेपा सांसदों ने हालांकि पिछले सत्र में भी इस दिशा में कोशिश की थी लेकिन पर्याप्त संख्या नहीं होने अौर लोकसभा में गतिरोध उत्पन्न होने की वजह से पार्टी इसमें सफल नहीं हुई।

तेदेपा के सुप्रीमो अौर आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इन सभी पार्टियों के नेताओं को लिखे पत्र में तत्कालीन कांग्रेस नीत संप्रग सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने आंध्रप्रदेश के विभाजन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं अपनाया। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनावाें के दौरान घोषणा पत्र में जाे वादे किए थे उन्हें पूरा करने में नाकाम रही है।
 

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