विधानसभा चुनाव 2026 में डीएमके की प्रचंड जीत तय : सीएम स्टालिन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री व डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने भरोसा जताया कि 2026 के विधानसभा चुनावों में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) एक बार फिर शानदार बहुमत के साथ सत्ता में लौटेगी;

Update: 2025-12-09 02:25 GMT

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री व डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने सोमवार को भरोसा जताया कि 2026 के विधानसभा चुनावों में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) एक बार फिर शानदार बहुमत के साथ सत्ता में लौटेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी की वास्तविक ताकत बूथ स्तर पर कार्यरत संगठन है, जो चुनावी परिणाम तय करेगा।

स्टालिन "माई पोलिंग स्टेशन-ए विनिंग पोलिंग स्टेशन" शीर्षक से आयोजित जिला सचिवों की वर्चुअल बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डीएमके की चुनावी रणनीति का केंद्र बूथ-स्तरीय नेटवर्क है, जिसे अत्यधिक अनुशासन और योजना के साथ सक्रिय करना होगा ताकि जनता के समर्थन को मतों में बदला जा सके।

मुख्यमंत्री ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में योगदान दे रहे पार्टी कार्यकर्ताओं के समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा, “हमारे कार्यकर्ता लोगों के मतदान अधिकार की रक्षा के लिए भूख, नींद और पारिवारिक जीवन की परवाह किए बिना दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। यही हमारे लोकतंत्र की असली ताकत है।”

स्टालिन ने अनुकूल राजनीतिक माहौल का उल्लेख करते हुए भी कार्यकर्ताओं को ढिलाई न बरतने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “अगर जीत निश्चित दिख रही है, तब भी किसी भी स्थिति में आत्मसंतोष नहीं होना चाहिए। अंतिम क्षण तक हर कैडर पूरी ऊर्जा के साथ काम करे।”

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की जांच एवं नियामक एजेंसियों सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग और यहां तक कि चुनाव आयोग का राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि डीएमके सरकार को अस्थिर किया जा सके।

उन्होंने कहा कि विपक्ष रोजाना झूठ और विकृत कथानक फैलाकर भ्रम की स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रहा है, जबकि डीएमके का कर्तव्य संगठनात्मक शक्ति और सत्य के माध्यम से उसे जवाब देना है।

स्टालिन ने दोहराया कि पार्टी की सफलता सामूहिक भावना पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा, “राज्य नेतृत्व से लेकर अंतिम बूथ स्तर के कार्यकर्ता तक, हर व्यक्ति मेरे समान गति और समर्पण के साथ काम करे। यही हमारी जीत की कुंजी है।”

बैठक को डीएमके के शीघ्र चुनावी सक्रियण अभियान का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें बूथ प्रबंधन, मतदाता संपर्क और जन-मत नियंत्रण पर विशेष ध्यान केंद्रित है। पार्टी नेतृत्व आगामी विधानसभा चुनावों से काफी पहले अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने में जुटा है।

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