एआईएडीएमके-भाजपा गठबंधन 2026 तमिलनाडु चुनाव जीतेगा: ईपीएस का दावा
तमिलनाडु में विपक्ष के नेता और एआईएडीएमके महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) ने कहा कि राज्य की सत्तारूढ़ डीएमके सरकार ने जनता का भरोसा खो दिया है;
चेन्नई। तमिलनाडु में विपक्ष के नेता और एआईएडीएमके महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) ने बुधवार को कहा कि राज्य की सत्तारूढ़ डीएमके सरकार ने जनता का भरोसा खो दिया है और आगामी 2026 विधानसभा चुनावों में एआईएडीएमके-भाजपा गठबंधन भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज करेगा।
वनेगरम (चेन्नई) में आयोजित एआईएडीएमके की कार्यकारी समिति और महापरिषद की बैठक को संबोधित करते हुए ईपीएस ने दावा किया कि मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन विपक्षी गठबंधन की नजदीकी से घबरा गए हैं।
उन्होंने 1991 से अब तक के चुनावी रुझानों का हवाला देते हुए कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के मतदान पैटर्न अलग होते हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि 2019 लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके गठबंधन 234 विधानसभा क्षेत्रों में से केवल दो में आगे था, लेकिन 2021 विधानसभा चुनाव में यही गठबंधन 75 सीटें जीतने में सफल रहा।
ईपीएस ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में अलग-अलग लड़ने के बाद अब एआईएडीएमके और भाजपा फिर एक साथ आ गए हैं। उन्होंने दोनों गठबंधनों के 2024 के वोट प्रतिशत (एआईएडीएमके गठबंधन 23.05% और एनडीए 18.28%) जोड़कर 41.33% का संयुक्त वोट शेयर बताया। इसके आधार पर उन्होंने कहा कि गठबंधन कम से कम 84 विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल करेगा और 2026 में 210 सीटों तक जीत सकता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि 2021 चुनाव से पहले डीएमके द्वारा किए गए वादों में से केवल एक-चौथाई ही पूरे हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं के लिए ₹1,000 मासिक सहायता योजना सरकार ने एआईएडीएमके के दबाव में शुरू की। ईपीएस ने युवाओं को निराश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कॉलेज छात्रों को मुफ्त लैपटॉप देने की घोषणा सरकार ने कार्यकाल के अंत में सिर्फ वोट पाने के लिए की है।
विपक्ष के नेता ने कई सरकारी विभागों में व्यापक भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और राशन कार्डधारकों को 5,000 रुपए पोंगल नगद उपहार देने की मांग की।
बैठक में 16 प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें एआईएडीएमके-भाजपा गठबंधन को औपचारिक मंजूरी, भविष्य के गठबंधन पर निर्णय का अधिकार ईपीएस को सौंपना, कोयंबटूर और मदुरै मेट्रो रेल परियोजनाओं को केंद्र से मंजूरी दिलाने का आग्रह और मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण का समर्थन शामिल है।