भाजपा के इशारे पर की गई स्वामी सानंद की हत्या: शिवानंद
उत्तराखंड में हरिद्वार के मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद की मौत हो सरकार के इशारे पर सुनियोजित हत्या करार दिया है;
हरिद्वार। उत्तराखंड में हरिद्वार के मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद की मौत हो सरकार के इशारे पर सुनियोजित हत्या करार दिया है।
स्वामी शिवानंद ने एक केंद्रीय मंत्री के साथ ही हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपक रावत, उपजिलाधिकारी (सदर) मनीष कुमार सिंह, सीओ कनखल एसके सिंह और जगजीतपुर चौकी प्रभारी पर साजिश रचने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर अविलंब गिरफ्तारी की मांग की है।
उन्होंने मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की भी मांग की और कहा कि सरकार के ऐसा न करने पर वह उनके खिलाफ अदालत में हत्या का मुकदमा दर्ज कराएंगे। साथ ही नवरात्र के बाद इन मांगों को लेकर स्वयं कठोर तप करेंगे।
मातृसदन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान स्वामी शिवानंद ने कहा कि आठ अक्टूबर को चिकित्सकीय जांच में सानंद की की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति बिल्कुल दुरुस्त थी। बुधवार को एम्स ले जाते वक्त भी वह चैतन्य थे।
उन्होंने गुरुवार सुबह पौने सात बजे एम्स ऋषिकेश से मातृसदन को पत्र लिखकर वाट्सएप किया था। मीडिया के नाम लिखे इस पत्र को उन्होंने मीडिया को जारी करने का अनुरोध भी किया था।
उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सुबह तक स्वस्थ एवं चैतन्य था, दोपहर को अचानक उसकी मृत्यु कैसे हो गई। सानंद के शरीर में पोटेशियम भी इतना कम नहीं था कि उन्हें हाईडोज देना जरूरी हो गया।
एम्स के चिकित्सकों ने पोटेशियम 1.7 मिग्रा होने के बावजूद उन्हें पोटेशियम की हाईडोज दी, जबकि सामान्य स्थिति में पोटेशियम की मात्रा 3.5 मिग्रा मानी जाती है। उन्होंने कहा कि गंगा की निर्मलता, पवित्रता और रक्षा के लिए मातृसदन का आंदोलन जारी रहेगा।
स्वामी सानंद के गुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सानंद की देह किसी भी हालत में ऋषिकेश एम्स को न दी जाए। उन्होंने मातृसदन के हवाले से मीडिया को जारी बयान में कहा कि सानंद की देह ऋषिकेश एम्स को देने से उनकी मौत के असल कारणों की जानकारी नहीं मिल पाएगी।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बेहद जरूरी होने पर सानंद की देह को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल मेडिकल कॉलेज को दान देने की बात कही है। स्वामी शिवानंद सरस्वती ने भी इस बात का समर्थन किया है।
गौरतलब है कि स्वामी सानंद पिछले 22 जून से मातृ सदन में ही अनशन कर रहे थे। उपजिलाधिकारी मनीष सिंह ने जबरन पुलिस बल के साथ उन्हें वहां से उठा कर एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया था। जहां उनकी मौत हो गई। स्वामी सानंद उर्फ प्रो. जी डी अग्रवाल स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य थे।