अलगाववादी नारे लिखे नोटों के बदले जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की राय मांगी

2013 में 30 करोड़ रुपए मूल्य के नोट जम्मू स्थित आरबीआई की शाखा में बदले गए थे जबकि उन नोटों पर अलगाववादी नारे लिखे थे।;

Update: 2020-01-07 16:02 GMT

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर में भारतीय रिजर्व बैंक की शाखा द्वारा अलगाववादी नारे लिखे नोटों को बदले जाने के मामले की अदालत की निगरानी में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की मांग पर सॉलिसिटर जनरल से मंगलवार को राय मांगी।

आरोप है कि 2013 में 30 करोड़ रुपए मूल्य के नोट जम्मू स्थित आरबीआई की शाखा में बदले गए थे जबकि उन नोटों पर अलगाववादी नारे लिखे थे।

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कहा कि वह इस शिकायत पर गौर करें और दो हफ्ते के भीतर इस बारे में अपना पक्ष उसे सूचित करें।

न्यायालय ने कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व का प्रश्न है और इस बारे में केंद्र की राय जरूरी है। न्यायालय ने पूछा कि क्या इस मामले में नोटिस जारी किया जाए, लेकिन सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि उन्हें कुछ वक्त दिया जाए ताकि वह शिकायत के बारे जानकारी हासिल कर सकें।

आरटीआई कार्यकर्ता सतीश भारद्वाज ने इस मामले में याचिका दायर की है और इस मामले में शीर्ष अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की है।

याचिकाकर्ता के अनुसार कश्मीर ग्रैफिटी नामक अलगाववादी समूह ने फेसबुक पर लिखा है कि अगस्त 2013 में 30 करोड़ रुपए के नोटों पर अलगाववादी नारे लिखे गए थे।
 

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