मणिपुर फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई के लिए पीठ पुनर्गठित करने को तैयार सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय मणिपुर में गैर न्यायिक हत्याओं के मामलों की सुनवाई के लिए पीठ पुनर्गठित करने पर बुधवार को सहमत हो गया।;

Update: 2020-03-04 12:38 GMT

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय मणिपुर में गैर न्यायिक हत्याओं के मामलों की सुनवाई के लिए पीठ पुनर्गठित करने पर बुधवार को सहमत हो गया।

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह होली की छुट्टी के बाद पीठ पुनर्गठित करने का प्रयास करेगी।

याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्विस ने कहा कि न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर के सेवानिवृत्त होने के बाद से मामलों की सुनवाई नहीं हुई है। डेढ़ साल हो गये हैं।

गौरतलब है कि फर्जी मुठभेड़ों में हुई इन हत्याओं के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने पर शीर्ष अदालत ने मणिपुर सरकार को फटकार भी लगायी थी।

सेना ने 20 अप्रैल, 2017 को न्यायालय के समक्ष दलील दी थी कि जम्मू-कश्मीर और मणिपुर जैसे अशांत राज्यों में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए उसके खिलाफ मामले नहीं दर्ज किए जा सकते हैं।

न्यायालय ने 2017 में साल 2000 से 2012 के बीच सुरक्षा बलों और पुलिस द्वारा की गई कथित 1,528 गैर न्यायिक हत्याओं के मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराने के आदेश दिए थे। इन हत्याओं की न्यायिक जांच पर सेना ने सवाल उठाते हुए उसे पक्षपातपूर्ण करार दिया था। सेना का कहना था कि स्थानीय जिला जजों द्वारा न्यायिक जांच की गई थी। केंद्र सरकार ने भी सुरक्षा बलों का बचाव किया था।

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