सुप्रीम कोर्ट का आधार डेटा की तर्ज पर एनआरसी डेटा सुरक्षित करने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने  आदेश दिया कि असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में प्रकाशन के लिए एकत्र किए गए आंकड़ों को आधार डेटा की तर्ज पर सुरक्षित रखा जाएगा।;

Update: 2019-08-13 14:12 GMT

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने  आदेश दिया कि असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में प्रकाशन के लिए एकत्र किए गए आंकड़ों को आधार डेटा की तर्ज पर सुरक्षित रखा जाएगा। कोर्ट ने कहा कि एनआरसी के तहत डेटा की फिर से जांच नहीं होगी और कभी भी फिर से एनआरसी की प्रक्रिया नहीं कराई जाएगी। अदालत ने यह कहा कि हटाए गए और शामिल किए गए नामों की सूची की हार्ड कॉपी ही जिला कार्यालयों में उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

कोर्ट ने आगे कहा, "3 दिसंबर 2004 के बाद पैदा हुए लोगों में यदि माता-पिता में से कोई एक संदिग्ध मतदाता है या किसी ट्रिब्यूनल द्वारा विदेशी घोषित है या केस लड़ रहा है, तो उन्हें एनआरसी में शामिल नहीं किया जाएगा।"

अवैध प्रवासियों (ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद) के तहत आदेशों को गुवाहाटी हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी जाएगी।

कोर्ट ने कहा कि एनआरसी सूची से हटाए गए सभी नामों को केवल 31 अगस्त को ऑनलाइन प्रकाशित किया जाए।

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