विद्यार्थी हमारे राष्ट्र की विभिन्न चुनौतियों पर कार्य करने के विकल्प पर विचार करें : राज्यपाल
127 विद्यार्थियों को 272 स्वर्ण पदक, 294 शोधार्थी को पीएचडी, एक को डीलिट की उपाधि दी गई;
रायपुर। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षांत समारोह का आयोजन पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में राज्यपाल तथा कुलाधिपति विश्वभूषण हरिचंदन की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।
उन्होंने सभी पदक एवं उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी और कहा कि विद्यार्थी हमारे राष्ट्र की प्रमुख तकनीकी, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय चुनौतियों पर कार्य करने के विकल्प पर विचार करें, साथ ही सभी विद्यार्थी, राष्ट्र की सेवा में तत्पर रहें।
राज्यपाल ने पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय, राज्य और क्षेत्र के शैक्षिक परिदृश्य का, वट वृक्ष की तरह श्रीवृद्धि कर रहा है और यह छत्तीसगढ़ के अनेक विश्वविद्यालयों का उद्गाता है।
पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय के 26 वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास को संस्कृत विषय में डी. लिट की उपाधि प्रदान की। दीक्षांत समारोह में 127 विद्यार्थियों को 272 स्वर्ण पदक, 294 विद्यार्थियों को पीएच.डी., 1 लाख 17 हजार 31 विद्यार्थियों को स्नातक एवं 44 हजार 704 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर की डिग्री प्रदान की गयी।सुप्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक दीक्षांत समारोह के मुख्य वक्ता प्रोफेसर वाई.एस. राजन ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन से सतत् रूप से सीखते रहने की जरूरत है।
शिक्षा ही विकास का एकमात्र माध्यम है : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज दीक्षांत समारोह में 76 प्रतिशत बेटियां उपस्थित हैं। यह नारी सशक्तिकरण का प्रतीक है। महिलाएं अब अबला नहीं सबला बन रही हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही एकमात्र माध्यम है, जिसके जरिये हम विकास कर सकते हैं और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। प्रदेश के आदिवासी बहुल सुदूर बस्तर और सरगुजा सहित ग्रामीण अंचलों में,जहां भी आवश्यकता हुई वहां नए महाविद्यालय प्रारंभ किए जा रहे हैं।