रेलवे बोर्ड में हड़कंप : चेयरमैन की विदाई तय, संरक्षा पर रेलवे का रवैया लचर
खतौली रेल हादसे के बाद रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है;
-मेंबर इंजीनियरिंग के अवकाश को रद्द करने के लिए बनाया जा रहा है दबाव
-नए चेयरमैन के लिए लोहानी, जमशेद, रविंद्र व घनश्याम के नाम आए सामने
नई दिल्ली। खतौली रेल हादसे के बाद रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, अभी इसे स्वीकार कर इसका ऐलान नहीं किया गया है लेकिन दुर्घटना के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा मेंबर इंजीनियरिंग सहित आठ अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर प्रधानमंत्री कार्यालय संतुष्टनहीं है।
सूत्रों की मानें तो हादसे में मानवीय चूक सामने आने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय सख्त कार्रवाई के पक्ष में बताया जाता है। इसलिए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन की विदाई तय हो चुकी है तो वहीं संभव है कि सेवानिवृत्ति से ठीक पहले अवकाश पर भेजे गए 1978 बैच के मेंबर इंजीनियरिंग अखिल कुमार मित्तल के अवकाश को रद्द किया जा सकता है।
रेल मंत्रालय के उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो रेलवे बोर्ड के सदस्यों ने मेंबर इंजीनयरिंग की वापसी के लिए आज रेल मंत्री सुरेश प्रभु, रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा से गुहार लगाई। वहीं अटकलें हैं कि हादसे में निगरानी के लिए दिल्ली मंडल एडीआरएम (तकनीकि) आरसी गुप्ता जिम्मेदार हैं और जांच रिपोर्ट आने के बाद उन पर गाज गिर सकती है।
इसके साथ ही चेयरमैन के लिए एक बार फिर नाम पर चर्चााएं शुरू हो गई हैं। हालांकि वरिष्ठता में सबसे ऊपर एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक अश्वनी लोहानी का नाम है तो दूसरे नंबर पर रेलवे बोर्ड के सदस्य यातायात एम. जमशेद हैं। लोहानी को इससे पूर्व सदस्य यातायात की पेशकश की जा चुकी है लेकिन उन्हें एयर इण्डिया का चेयरमैन बना दिया गया था। इसके बाद जो दो नाम हैं उसमें रविंद्र गुप्ता सदस्य रॉलिंग स्टॉक व सदस्य इलैक्ट्रिकल घनश्याम सिंह भी प्रमुख दावेदारों में हैं।
मंत्रिमंडल फेरबदल से ठीक पहले हुए इस हादसे से रेल मंत्री सुरेश प्रभु जहां बैकफुट पर हैं वहीं भारतीय रेल दावा कर रही है कि उसने सेफ्टी पर विशेष ध्यान दिया है। बीते तीन वर्षों को देखें तो वर्ष 2014-15 में हुई 135 रेल दुर्घटनाओं के मुकाबले वर्ष 2015-16 में इनकी संख्या घटकर 107 और वर्ष 2016-17 में 104 रह गई। अंतर्राष्ट्रीय रूप से स्वीकृत संरक्षा मानदण्डों के मुताबिक प्रति मिलियन ट्रेन किलोमीटर पर दुर्घटनाओं का प्रतिशत वर्ष 2014-15 के 0.11 से सुधरकर वर्ष 2015-16 में 0.10 और वर्ष 2016-17 में 0.09 हो गया है।
उच्चपदस्थ अधिकारी मानते हैं कि कर्मचारी रहित रेल फाटकों पर होने वाली दुर्घटनाओं में 60 प्रतिशत की कमी आई है और कर्मचारी युक्त रेल फाटकों पर 2016-17 में कोई दुर्घटना नहीं हुई। एक वरिष्ठ अधिकारी मानते हैं कि संरक्षा पर बेहतर तकनीकी के लिए कनाड़ा, जापान, रूस और इटली के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर तो किए हैं लेकिन भारतीय रेल में ही रखरखाव के लिए मुंबई से दिल्ली कॉरीडोर पर छह माह पूर्व रखरखाव कार्यों की योजना नहीं बन सकी। इस दिशा में सख्ती से अमल की जरूरत है।