वक्फ जेपीसी पर हंगामा, विपक्ष ने कहा असहमति नोट हटाया, सरकार ने कहा कोई छेड़छाड़ नहीं

संसद में गुरुवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट पेश की गई। करीब 600 पन्नों की यह रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की गई, जिसके तुरंत बाद सदन में हंगामा प्रारंभ हो गया;

Update: 2025-02-13 13:35 GMT

नई दिल्ली। संसद में गुरुवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट पेश की गई। करीब 600 पन्नों की यह रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की गई, जिसके तुरंत बाद सदन में हंगामा प्रारंभ हो गया।

नाराज विपक्षी सांसद नारेबाजी करते हुए अपने स्थान से खड़े हो गए और सभापति के आसन के नजदीक आ गए। सदन में हंगामा बढ़ने पर कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी सांसदों का कहना था कि संयुक्त संसदीय रिपोर्ट में से विपक्ष के असहमति वाले विचारों को बाहर कर दिया गया है।

हालांकि, सरकार ने इस पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि रिपोर्ट में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है और सभी सदस्यों के विचार को इसमें रखा गया है। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि जेपीसी रिपोर्ट में से न तो कोई अंश हटाया गया है, न ही इसमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने कहा कि मुझे बेहद दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि यह सभी झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट में किसी भी नियम की अवहेलना नहीं की गई है। सभी असहमति वाले विचार इसमें शामिल किए गए हैं। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से सदन को गुमराह न करने की भी अपील की।

राज्यसभा में महाराष्ट्र से भारतीय जनता पार्टी की राज्यसभा सांसद मेघा विश्राम कुलकर्णी ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक संबंधी संयुक्त समिति का प्रतिवेदन सदन में रखा। इसके तुरंत बाद विपक्ष के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया।

नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नेता सदन जेपी नड्डा से अनुरोध किया कि सभी असहमति वाले विचार रिपोर्ट में शामिल करके रिपोर्ट को दोबारा से पेश किया जाए। उन्होंने नेता सदन से अनुरोध करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट असंवैधानिक है, इसे दोबारा जेपीसी को भेजा जाए।

राज्यसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री ने बिल्कुल स्पष्ट तौर पर स्थिति साफ कर दी है। इसके बावजूद हो रहे हंगामे पर उन्होंने हैरानी व्यक्त की। वहीं कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने कहा कि जेपीसी की रिपोर्ट पर सदन को गुमराह किया जा रहा है। असहमति नोट इसमें शामिल नहीं है, यह एक अधूरी और फर्जी रिपोर्ट है, इसे वापस किया जाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस विषय पर बोलते हुए कहा कि जेपीसी के अध्यक्ष को विशेष शक्तियां दी गई हैं, इन शक्तियों के तहत वे अनुपयुक्त टिप्पणियों को निकाल सकते हैं। उन्होंने विपक्ष से कहा कि यह नियम आपके समय के हैं। इसके साथ ही भूपेंद्र यादव ने कहा कि जेपीसी की रिपोर्ट नियम के हिसाब से तैयार की गई है। विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे तथ्य आधारहीन एवं गलत हैं।

गौरतलब है कि यह वक्फ (संशोधन) विधेयक, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विनियमन से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए है।

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