वायनाड की जनता जानती है कांग्रेस-एनडीए में कौन बेहतर है: राजीव चंद्रशेखर

भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को आईएएनएस से बात की। उन्होंने वायनाड लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका गांधी वाड्रा, जेपीसी की बैठक में हुए हंगामे को लेकर प्रतिक्रिया दी;

Update: 2024-10-23 15:25 GMT

नई दिल्ली। भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को आईएएनएस से बात की। उन्होंने वायनाड लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका गांधी वाड्रा, जेपीसी की बैठक में हुए हंगामे को लेकर प्रतिक्रिया दी।

वायनाड से प्रियंका गांधी ने नामांकन दाखिल किया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता ने कहा, वायनाड से सांसद के तौर पर राहुल गांधी करीब छह साल तक गायब ही रहे हैं। चूंकि, यहां पर माइनॉरिटी वोट 40 फीसदी है और बिना कुछ किए प्रियंका गांधी यहां से चुनाव जीत सकती हैं। इसलिए उन्होंने यह सुरक्षित सीट को चुना है। लेकिन, मुझे विश्वास है कि इस बार वायनाड की जनता आंख बंद कर वोट नहीं करने वाली है। क्योंकि, वो भी चाहते हैं कि वह जिसे सांसद बनाए वह जिम्मेदारी लें। जनता चाहती है कि उनका सांसद उनके बीच का हो, जब कोई परेशानी हो तो वह अपना दुख-दर्द बांट सके।

इस सीट पर जो एनडीए की प्रत्याशी हैं वह शिक्षित हैं। कई वर्षों से वह काउंसलर रही हैं और जनता की सेवा कर रही हैं। मैं समझता हूं कि वायनाड की जनता के सामने दो विकल्प हैं। पहला कांग्रेस जिसका काम करने से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है। वहीं, एनडीए की उम्मीदवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी लोकसभा की जनता के लिए काम करेंगी।

वक्फ बोर्ड पर बनी जेपीसी की बैठक में हंगामा पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक दोनों है कि हमारे देश के सांसद, संसद के सदस्य, संसद का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में गुंडागर्दी और इस तरह का व्यवहार करते हैं। मेरा मानना है कि ये वही लोग हैं जो संविधान, लोकतंत्र और कानून की बात करते हैं और इन मुद्दों पर राजनीति करते हैं, फिर भी संसद के अंदर, जेपीसी के अंदर, वे गुंडों की तरह काम करते हैं और इस तरह का शर्मनाक व्यवहार करते हैं। यह निंदनीय है और ऐसा नहीं होना चाहिए। मैं कहूंगा कि तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टी को अपने सांसदों को सिखाना चाहिए कि संविधान क्या है, लोकतंत्र क्या है और सांसदों को कैसा आचरण करना चाहिए।"

 

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