भारत की शिक्षा व्यवस्था की हत्या बंद होनी चाहिए, सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर बोला हमला

देश भर में मोदी सरकार की एक के बाद एक नीतियों का विरोध देखा जा रहा है। कहीं वक़्फ़ बिल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं तो कहीं तीन भाषा नीति का विरोध। इन विवादित मुद्दों को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है और अब कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने भी मोदी सरकार की नीति पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने साफ़ कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था की हत्या बंद होनी चाहिए।;

Update: 2025-03-31 12:07 GMT

नई दिल्ली। देश भर में मोदी सरकार की एक के बाद एक नीतियों का विरोध देखा जा रहा है। कहीं वक़्फ़ बिल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं तो कहीं तीन भाषा नीति का विरोध। इन विवादित मुद्दों को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है और अब कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने भी मोदी सरकार की नीति पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने साफ़ कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था की हत्या बंद होनी चाहिए।

मोदी सरकार नीतियों पर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है। चाहे वो विदेश से जुड़ा मामला हो या देश में अलग-अलग व्यवस्थाओं से जुड़े फैसले।

इसी कड़ी में अब कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने देश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर मोदी सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मोदी सरकार ने बीते सालों में शिक्षा के क्षेत्र में कई अहम बदलाव किए हैं लेकिन कई बदलावों का विरोध भी हुआ। इसे लेकर सोनिया गांधी ने कहा कि बीते एक दशक में सरकार ने केवल अपने एजेंडे को लागू करने की कोशिश की, शिक्षा संस्थानों का निजीकरण और सांप्रदायीकरण किया गया।


निजीकरण को बढ़ावा देने के कारण 2014 के बाद से क़रीब साढ़े नवासी हज़ार (89,441 )सरकारी स्कूल बंद हुए और क़रीब तैंतालीस हजार (42,944) निजी स्कूल खुले। महात्मा गांधी की हत्या और मुगल काल को इतिहास के पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। NAAC और NTA जैसी संस्थाएं भ्रष्टाचार के चपेट में हैं। शिक्षण संस्थानों में नियुक्ति प्रक्रिया में योग्यता से समझौता कर विचारधारा को प्राथमिकता दी जा रही है।

सोनिया गांधी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि साल 2019 से शिक्षा पर केंद्रीय सलाहकार बोर्ड की बैठक नहीं बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़े बड़े बदलावों को लेकर राज्यों से एक बार भी बात करना ज़रूरी नहीं समझा, जबकि शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची का हिस्सा है। यानी शिक्षा राज्य और केंद्र दोनों के अधिकार क्षेत्र में आता है। पीएम योजना के लिए राज्य सरकारों पर दबाव बनाया जाना और फंड रोकना शर्मनाक बात है। दरअसल अंग्रेजी अखबार द हिन्दू में सोनिया गांधी का एक नवीनतम लेख छपा है। जिसमें उन्होंने भारत की मौजूदा शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर चिंता ज़ाहिर की है। उन्होंने अपने इस लेख में कहा कि मोदी सरकार में शिक्षा के क्षेत्र में केंद्रीकरण, व्यावसायीकरण और सांप्रदायिकता के लिए इस एकतरफा कोशिश का नतीजा सीधे हमारे छात्रों पर पड़ा है। भारत की शिक्षा व्यवस्था को इस तरह खत्म करना बंद होना चाहिए।


Full View

Tags:    

Similar News