किसान मार्च: चंडीगढ़ में 18 प्रवेश बिंदुओं पर किसानों के मार्च को रोकने के लिए बैरिकेड लगाये गए

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर अपनी मांगों को लेकर बुधवार को अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने के लिए चंडीगढ़ की ओर कूच कर रहे कई किसान यूनियनों को चंडीगढ़ में प्रवेश करने से रोकने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने भारी सुरक्षा तैनात करके शहर के सभी प्रवेश बिंदुओं को सील कर दिया है;

Update: 2025-03-05 11:06 GMT

चंडीगढ़। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर अपनी मांगों को लेकर बुधवार को अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने के लिए चंडीगढ़ की ओर कूच कर रहे कई किसान यूनियनों को चंडीगढ़ में प्रवेश करने से रोकने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने भारी सुरक्षा तैनात करके शहर के सभी प्रवेश बिंदुओं को सील कर दिया है।

चंडीगढ़ पुलिस ने पंजाब के साथ लगते 18 प्रवेश मार्गों को सील कर दिया है तथा वहां 1200 जवानों को तैनात किया गया है। इसके कारण मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर धीमी गति से यातायात की आवाजाही हो रही है। एसकेएम ने साफ कर दिया है कि मोर्चा ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ हर हाल में चंडीगढ़ कूच करेगा। पुलिस जहां भी उनको रोकेगी, वे धरने पर बैठ जाएंगे।

भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने किसानों से सड़कों, राजमार्गों और रेलवे पटरियों को अवरुद्ध न करने की अपील की है, क्योंकि इससे जनता को असुविधा होगी। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि अगर उन्हें आगे बढ़ने से रोका जाता है तो वे सड़क किनारे धरना दें। उन्होंने सभी किसान यूनियनों से चंडीगढ़ में ‘पक्का मोर्चा’ में शामिल होकर विरोध दर्ज कराने की अपील की, जहां प्रशासन ने अभी तक विरोध के लिए जगह आवंटित नहीं की है।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुआई वाली पंजाब सरकार और एसकेएम के बीच वार्ता विफल होने के कुछ घंटों बाद, उगराहां सहित किसान नेताओं के घरों पर छापे मारे जा रहे हैं, जो मंगलवार को पूरा दिन जारी रहे। इस दौरान किसान नेताओं को घरों से हिरासत में ले लिया गया, जबकि कुछ को नजरबंद भी कर दिया गया। किसानों की मांगों पर चर्चा के लिए वार्ता बीच में ही भंग होने पर किसान नेताओं ने दावा किया कि मुख्यमंत्री बिना किसी उकसावे के गुस्से में बैठक से बाहर चले गए। बैठक के बाद, एसकेएम नेताओं ने घोषणा की थी कि वे चंडीगढ़ में बड़े पैमाने पर धरना देने के अपने आह्वान पर आगे बढ़ेंगे।

अमृतसर के गोल्डन गेट पर किसानों के विरोध के चलते सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “करीब 18 जिलों में कार्यक्रम होंगे। अकेले अमृतसर में 21 जगहों पर हम भगवंत मान के पुतले जलाएंगे। आज का कार्यक्रम पूरे पंजाब में सैकड़ों जगहों पर किया जाएगा। एसकेएम की पंजाब यूनियन के नेता को किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व के साथ हिरासत में लिया गया, इसलिए आज का कार्यक्रम किसानों के मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ है। यह शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। हम मांग करते हैं कि गिरफ्तार किए गए सभी किसानों को रिहा किया जाए।”

किसान छह फसलों पर प्रदेश सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने, कर्ज माफी को लेकर नई योजना लाने, गन्ना किसानों को ब्याज समेत बकाया राशि देने, आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा देने, सरहिंद फीडर नहर पर लगी मोटरों के बिल माफ करने और सरकार और किसानों के बीच समन्वय के लिए सब-कमेटी बनाने समेत कुल 18 मांगें पूरी करने की मांग कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि मान ने किसानों के साथ बैठक में कहा था कि पंजाब को धरना स्टेट बना रखा है, जो बर्दाश्त नहीं है। बंद के कारण पंजाब का पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है। श्री मान ने कहा, “ मैंने किसान नेताओं से पूछा कि चंडीगढ़ में मोर्चा लगाने को लेकर उनका क्या स्टैंड है तो उनका जवाब था कि मोर्चा जरूर लगाएंगे। मतलब बैठक भी करनी है और पक्का मोर्चा भी लगाना है, लेकिन ये दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते, इसलिए मैंने कह दिया कि मोर्चा लगा लो।”
उन्होंने कहा, “मेरी नरमी को मेरी कमजोरी न समझा जाए। सरकार की तरफ से सख्त एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रोजाना रेल, सड़क रोकने का रवैया सही नहीं है। किसानों की सभी मांगें केंद्र से संबंधित हैं। किसानों का यह कहना था कि अगर हम मोर्चे का एलान न करते तो सरकार ने मीटिंग का समय नहीं देती, जबकि मैं पहले भी किसानों के साथ बैठक करते रहा हूं। किसान यूनियन के नेताओं से ज्यादा खेतों में जाता रहा हूं। किसानी से जुड़ा हूं। मैंने उनसे डरकर बैठक नहीं की।” मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न किसान यूनियनों के बीच ''क्रेडिट वॉर'' चल रहा है, जो समानांतर सरकार चलाकर अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार समाज के विभिन्न वर्गों से संबंधित मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल करने के लिए हमेशा तैयार है।

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