दिल्ली में 'आप' ने बुलाई पार्षदों की बैठक, गोपाल राय बोले, 'संगठनात्मक मजबूती पर हुई चर्चा'

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव को लेकर गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) की महत्वपूर्ण बैठक हुई। 'आप' विधायक एवं पूर्व मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पार्टी की बैठक में दिल्ली में पार्टी संगठन को मजबूत करने पर चर्चा हुई;

Update: 2025-03-06 23:31 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव को लेकर गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) की महत्वपूर्ण बैठक हुई। 'आप' विधायक एवं पूर्व मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पार्टी की बैठक में दिल्ली में पार्टी संगठन को मजबूत करने पर चर्चा हुई।

दिल्ली में साल 2027 में एमसीडी चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब 'आप' का पूरा फोकस नगर निगम में अपना वर्चस्व कायम रखने पर है।

गोपाल राय ने समाचार एजेंसी आईएएनएस के साथ खास बातचीत में कहा, "पार्टी के सभी पार्षदों के साथ प्रदेश मुख्यालय में बैठक हुई है, जिसमें दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। पहला, दिल्ली में पार्टी के संगठन के पुनर्गठन पर बात हुई, जिसमें अलग-अलग पदाधिकारियों और पार्षदों से हमने सुझाव लिए। दूसरी तरफ पार्टी पार्षदों के साथ उनके क्षेत्र में काम को लेकर चर्चा हुई। बदली हुई परिस्थिति में उनके काम की रफ्तार को कैसे जारी रखा जाए, साफ-सफाई की व्यवस्था को आगे बढ़ाया जाए, इस पर चर्चा हुई।"

दिल्ली में महिलाओं को पैसे देने पर भाजपा को घेरते हुए गोपाल राय ने कहा, "भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली के लोगों से वादा किया था कि सरकार बनने पर पहली कैबिनेट बैठक में महिलाओं को पैसे देने की योजना पर फैसला लेंगे और 8 मार्च को खातों में पैसे ट्रांसफर किए जाएंगे। हम उसका इंतजार कर रहे हैं कि 8 मार्च को महिलाओं के खातों में पैसे आएंगे। यदि यह होता है तो हम उनका स्वागत करेंगे।"

उन्होंने कहा कि भाजपा को भय सता रहा है। अरविंद केजरीवाल की जगह लोगों ने भाजपा को सत्ता तो दे दी, लेकिन भाजपा अभी विपक्ष की मानसिकता से बाहर नहीं आ पा रही है। भाजपा काम क्या करने वाली है, यह नहीं बता रही है। पूरे विधानसभा में उन्होंने कैग रिपोर्ट की आड़ में अरविंद केजरीवाल को गाली दी। जब विधानसभा सत्र खत्म हो गया, तो पंजाब के मुद्दे पर बोल रहे हैं।

गोपाल राय ने कहा, "दिल्ली के लोगों ने उन्हें सत्ता में गाली देने के लिए नहीं, बल्कि काम करने के लिए बिठाया है। लेकिन वे काम का वादा भूल गए। वे पहले भी 24 घंटे केजरीवाल का नाम लिया करते थे और आज भी वही कर रहे हैं। ऐसे में अब बहाने नहीं, काम चाहिए।"

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