प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड को बनाया किसानों की कब्रगाह : लल्लू
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि प्रदेश के इस अति पिछड़े क्षेत्र में विकास की नयी लहर शुरू करने का दावा करने वाली भाजपा सरकार के दावे कितने खोखले हैं;
झांसी। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में गरीबों और किसानों की वास्तिक दशा का पता लगाने बुधवार को झांसी पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू कहा कि आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या कर रहे किसानों और मजदूरों की स्थिति को देखकर तो यही साफ होता है कि प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने बुंदेलखंड को किसानों की कब्रगाह बना दिया है।
श्री लल्लू ने कहा कि प्रदेश के इस अति पिछड़े क्षेत्र में विकास की नयी लहर शुरू करने का दावा करने वाली भाजपा सरकार के दावे कितने खोखले हैं इसका एहसास आज मुझे किसानों और मजदूरों के घर पर उनसे मुलाकात करने के बाद हुआ। इस सरकार की किसान विरोधी नीति के चलते बुंदेलखंड के किसान के सामने आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया है। इतना ही नहीं इनकी नीतियां गरीबों और नौजवानों के भी खिलाफ है और इसी कारण इस वर्ग में भी आत्महत्याओं की दर में बढ़ोतरी हुई है।
बुंदेलखंड में बेमौसम बारिश से मूंग, उड़द, मूंगफली की फसलें बर्बाद हो गई। किसानों को एक पाई की भी मुआवजा राशि मयस्सर नहीं हुई। पीड़ित किसानों ने उन्हें बताया कि प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत किसानों को एक पैसा की बीमा राशि का भुगतान नहीं हुआ है। गलत नीतियों के कारण अन्ना जानवरों का प्रकोप बहुत तेजी से फैला है। किसान दिन-रात, दोपहरी, चौकीदारी करने को मजबूर है।
कई पीड़ित किसानों ने उन्हें बताया कि बुंदेलखंड में निजी नलकूप लगाने पर सरकार द्वारा 63 हजार रुपए अनुदान देने का प्रावधान था लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी एक भी किसान को फूटी कौड़ी नहीं मिली है। उन्होंने दर्जनों गांवों का भ्रमण किया। उन्होंने पहला उदाहरण देते हुए कहा कि बीते दिनों चिरगांव ब्लॉक के बेरबई ग्राम के किसान प्रेम नारायण रयकवार ने कर्ज के कारण मौत को गले लगा लिया। पीड़ित परिजनों का कहना कि प्रेमनारायण लाकडाउन में फरीदाबाद से पैदल गांव आये थे। उनके चार भाई हैं, पूरा परिवार मजदूरी पर आश्रित है। डेढ़ बीघा खेती है, उड़द की खेती थी जो सूखे -ओलावृष्टि से फसल बर्बाद हो गई। उन्होंने अपनी बेटी की शादी के लिए 2 लाख साहूकार से और 50 हजार बैंक से कर्ज लिया था। साहूकार व बैंक से कर्ज चुकाने का चैतरफा दबाव था, पीड़ित ने तहसील से लेकर जिलाधिकारी तक गुहार लगाई लेकिन किसी ने सुधि नहीं ली मजबूरन प्रेमनारायण ने मौत को चुना। परिजनों का यह भी कहना है कि सरकार की तरफ से अब तक न कोई मुआवजा मिला और न ही किसी तरह की और आर्थिक मदद मिली।
उन्होंने दूसरी आत्महत्या की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि जनपद झांसी के गुरसराय ब्लॉक के ग्राम शहपुरा खुर्द के किसान लोकेंद्र सिंह कर्ज के बोझ व सरकारी मशीनरी के दबाव के कारण बेबस हो गए थे। परिजनों का कहना है कि उनके ट्रैक्टर से एक दुर्घटना हुई थी जिसके एवज में कोर्ट ने 5 लाख दंड दिया। खेत बेचकर आधा रुपया चुकता किया था। बैंक में 50 हजार का कर्ज था, फसल बर्बाद हो चली थी। सरकारी बाबू हर रोज तंग करता था, मानसिक दबाव में थे। अंत में उन्होंने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसी तरह मऊरानी तहसील के छोटी सुजारी ग्राम सभा के राघवेंद्र सिंह लोधी ने फसल बर्बादी, साहूकारों के कर्ज व आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या कर जीवन लीला समाप्त कर ली। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह है भाजपा सरकार की यही हकीकत है। देश का अन्नदाता आत्महत्या कर रहा है और प्रधानमंत्री मोर के साथ वीडियो शूट करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी टीम 11 की फर्जी बैठकों से फुर्सत तक नहीं है।
उनके साथ मौजूद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में पूरे बुंदेलखंड के लिए राहुल गांधी जी की पहल पर बुंदेलखंड पैकेज दिया गया। जगह-जगह मंडियां बनीं। फसलों की खरीद शुरू हुई। पानी के लिए कई तरह की योजनाओं की पहल हुई लेकिन आज पूरा बुंदेलखंड पलायन और पानी की मार से आंसू बहा रहा है। किसान आत्महत्या को मजबूर है। पलायन के कारण गांव के गांव खाली हो चुके हैं।
किसान कांग्रेस अध्यक्ष शिवनारायण परिहार ने कहा कि बुंदेलखंड में आये दिन किसान आत्महत्या कर रहा है। बेमौसम बारिश, गलत सरकारी नीतियों और कर्ज की मार खाकर किसान आत्महत्या को मजबूर है। कोरोना के बाद बाहर कमाने गए लोग भी वापस आ गए हैं इससे किसानों पर और भार बढ़ गया है। दौरे में प्रदेश महासचिव राहुल रॉय, प्रदेश सचिव राहुल रिछारिया, जिला अध्यक्ष भगवानदास कोरी समेत दर्जनों नेता उपस्थित रहे।