श्रीलंका हमला दक्षिण एशिया में नए प्रकार के आतंकी खतरे का संकेत'
नेपाल के उप प्रधानमंत्री ईश्वर पोखरियाल ने कहा है कि श्रीलंका में 21 अप्रैल को ईस्टर रविवार के दिन हुए;
काठमांडू। नेपाल के उप प्रधानमंत्री ईश्वर पोखरियाल ने कहा है कि श्रीलंका में 21 अप्रैल को ईस्टर रविवार के दिन हुए आत्मघाती हमलों ने स्पष्ट और मजबूत संदेश दिया है कि दक्षिण एशिया में नए प्रकार के आतंकवाद का खतरा पनप चुका है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, देश के रक्षा मंत्री का भी पद संभाल रहे पोखरियाल ने रविवार को काठमांडू में नेपाली सेना द्वारा आयोजित डायलॉग्स ऑन पब्लिक सिक्योरिटी : काउंटरिंग टेरेरिज्म शीर्षक के सेमिनार को संबोधित करते समय ये बयान दिया।
उन्होंने कहा कि नेपाली सरकार सोचती है कि क्षेत्रीय और राष्ट्रीय संदर्भो में आतंकवाद की इस जटिल घटना को समझना बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, "हम यह भी सोचते हैं कि आतंकवाद से निपटने के लिए हमें दुनियाभर के अपने दोस्तों के अनुभवों से और सबकों से सीखने की जरूरत है।"
पोखरियाल ने आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए घरेलू, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास करने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, "इस सदी में, कई सुरक्षा संबंधी खतरे अपारंपरिक हैं। वे ना तो राष्ट्रीय सीमाओं में बंधे हैं और ना ही उनसे आम युद्ध की तरह निपटा जा सकता है। मानवता और वैश्विक सुरक्षा को चुनौती देने वाले इन खतरों में सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद है।"
मंत्री ने यह भी कहा कि बदले सुरक्षा वातावरण पर प्रकाश डालने के लिए नेपाल सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पेश की है।
उन्होंने कहा, "हम राष्ट्रीय सुरक्षा नीति लागू करने के लिए जरूरी निर्देश और ढांचा तैयार करने की प्रक्रिया में हैं। इससे हमें यह जानने में मदद मिलेगी कि उभरते खतरों से निपटने के लिए विकसित देशों ने कैसी संस्थागत व्यवस्था की है। इससे हमें अपनी नीति, योजना और क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी।"
श्रीलंका में 21 अप्रैल को लग्जरी होटलों और चर्चो पर हुए आतंकवादी हमलों में लगभग 250 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे।