हाफिज सईद, सलाहुद्दीन के खिलाफ विशेष अदालत गैर जमानती वारंट जारी

विशेष अदालत ने जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के लिए धन इकट्ठा करने के मामले में लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज और हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सलाहुद्दीन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है;

Update: 2018-11-02 23:33 GMT

नई दिल्ली। यहां एक विशेष अदालत ने जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के लिए धन इकट्ठा करने के मामले में लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सईद सलाहुद्दीन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। अदालत ने कश्मीर घाटी और भारत के अन्य हिस्सों में हिंसा और आतंक फैलाने के लिए धन इकट्ठा करने के मामले में पाकिस्तान के दोनों आतंकवादी नेताओं के खिलाफ वारंट गुरुवार को जारी किए।

एनआईए द्वारा अदालत से दोनों आतंकवादियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने की मांग करने के बाद यह आदेश आया है। हाफिज सईद जमात-उल-दावा का संस्थापक भी है वहीं जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम जिले का रहने वाला सलाहुद्दीन उर्फ यूसुफ शाह वर्तमान में इस्लामाबाद में रह रहा है।

एनआईए के अधिकारी ने कहा, "दोनों पर पाकिस्तान में प्रशिक्षित आतंकवादियों को संगठित करने और उन्हें भारत में हिंसा भड़काने के लिए अलगाववादी नेताओं की मिलीभगत से पाकिस्तान से भारत भेजने का आरोप है।"

आतंकवाद रोधी समिति ने कश्मीर घाटी में आतंक के लिए धन इकट्ठा करने के मामले में 18 जनवरी को सईद, सलाहुद्दीन, कश्मीर के सात अलगाववादी नेताओं और अन्य को मिलाकर कुल 12 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।

इस मामले में 24 जुलाई 2017 को गिरफ्तार किए गए अलगाववादी नेता आफताब हिलाली शाह उर्फ शाहिद-उल-इस्लाम, अयाज अकबर खांडे, फारूक अहमद दार उर्फ बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमत शाह, राजा मेहराजुद्दीन कलवल और बशीर अहमद भट उर्फ पीर सैफुल्ला हैं। 

अल्ताफ अहमद शाह जम्मू एवं कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने की वकालत करने वाले कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी का दामाद है। शाहिद-उल-इस्लाम उदारवादी कट्टरपंथी नेता मीरवाइज उमर फारूक का सहयोगी और खांडे गिलानी के नेतृत्व वाले हुर्रियत का प्रवक्ता है।

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