मेरे सवालों से डरने की बजाय युवाओं के जवाब दें सीतारमण: राहुल

राहुल गांधी ने रोजगार के आंकड़े नहीं देने के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की टिप्पणी पर आज कहा कि सवालों से डरने की बजाए उन्हें जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए रोजगार पर युवाओं को जवाब देना चाहिए;

Update: 2020-02-03 13:59 GMT

नयी दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रोजगार के आंकड़े नहीं देने के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की टिप्पणी पर आज कहा कि सवालों से डरने की बजाए उन्हें जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए रोजगार पर युवाओं को जवाब देना चाहिए।

कांग्रेस नेता ने यह बयान श्रीमती सीतारमण की उस टिप्पणी पर की है जिसमें रोजगार का आंकड़ा नहीं बताने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा था ‘‘मान लीजिए मैं एक आंकड़ा बोल दूं- एक करोड़, फिर राहुल गांधी पूछेंगे कि एक करोड़ नौकरियों का क्या हुआ, इसलिए नहीं बताया।’’

 गांधी ने ट्वीट कर जवाब दिया “वित्त मंत्री जी, मेरे सवालों से मत डरिए। मैं ये सवाल देश के युवाओं की ओर से पूछ रहा हूं, जिन्हें जवाब देना आपकी ज़िम्मेदारी है। देश के युवाओं को रोज़गार की ज़रूरत है और आपकी सरकार उन्हें रोज़गार देने में बुरी तरह नाकाम साबित हुई है।”

वित्त मंत्री जी,

मेरे सवालों से मत डरिए । मैं ये सवाल देश के युवाओं की ओर से पूछ रहा हूं, जिन्हें जवाब देना आपकी ज़िम्मेदारी है।

देश के युवाओं को रोज़गार की ज़रूरत है और आपकी सरकार उन्हें रोज़गार देने में बुरी तरह नाकाम साबित हुई है ।#JawabDoMantriJi pic.twitter.com/qe4ikhPV0j

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 3, 2020

पार्टी ने इस सवाल का जवाब नहीं देने को श्रीमती सीतारमण की नाकामयाबी बताया और कहा “जो नाकाम होते हैं, वो सवालों से डरते हैं। राहुल गांधी आपसे सवाल पूछते रहेंगे...चाहे वो बेरोजगार युवाओं की पीड़ा हो, किसानों की बदहाली हो, महिला सुरक्षा का मामला हो। हम आपको मनमानी नहीं करने देंगे। वैसे...आपका डर आपकी नाकामी को दर्शाता है।”

 

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने तंज किया और कहा वित्त मंत्री राहुल गांधी के सवालों से डरती हैं। उन्होंने कहा “आंकड़ों से वित्त मंत्री जी का भय वाजिब है। निर्मला जी, राहुल जी के सवाल पूछने के डर से आपने आंकड़े बताने ही छोड़ दिए। हक़ीक़त ये है कि आपके पास उपलब्धियों के नाम पर केवल लफ़्फ़ाज़ी है। आंकड़ों से डर नहीं लगता, साहेब। सच्चाई से डर लगता है। क्यों निर्मला जी।

आँकड़ों से वित्त मंत्री जी का भय वाजिब है।

निर्मला जी, राहुल जी के सवाल पूछने के डर से आपने आँकड़े बताने ही छोड़ दिए?

हक़ीक़त ये है कि आपके पास उपलब्धियों के नाम पर केवल लफ़्फ़ाज़ी है।

आँकड़ों से डर नहीं लगता, साहेब!
सच्चाई से डर लगता है। क्यों निर्मला जी? pic.twitter.com/GJaRgIQCXt

— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 3, 2020

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