शिवराज ने आर्थिक भार से बचने को आयु-सीमा प्रपंच रचा : कांग्रेस

 मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु-सीमा बढ़ाने पर कांग्रेस ने कहा है कि सरकार की यह घोषणा कर्मचारियों को गुमराह करने वाली है;

Update: 2018-03-30 23:03 GMT

भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु-सीमा बढ़ाने पर कांग्रेस ने कहा है कि सरकार की यह घोषणा कर्मचारियों को गुमराह करने वाली है। वास्तविकता है कि सरकार के पास कर्मचारियों का स्वत्वों (सेवानिवृत्ति पर मिलने वाली एक मुश्त राशि) के भुगतान की रकम नहीं है, लिहाजा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आर्थिक भार से बचने के लिए यह प्रपंच रचा है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि आने वाले दो सालों में कर्मचारियों के स्वत्वों के दो हजार करोड़ के भुगतान से बचने के लिए सरकार ने कर्मचारियों को गुमराह करने आयु-सीमा बढ़ाने की घोषणा कर चुनावी साल में एक और प्रपंच रचा है। 

सिंह ने कहा कि सरकार ढाई करोड़ बेरोजगार युवाओं की आवाज को सुने और नौकरी लगने तक उन्हें 2000 रुपये तक का बेरोजगारी भत्ते देने की भी घोषणा करे।

नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि कर्मचारी हितों का संरक्षण करने का दायित्व तो राज्य सरकार का है ही, लेकिन प्रदेश के युवाओं को शिक्षित होने के बाद रोजगार मिले इसकी भी सुनिश्चित व्यवस्था सरकार को करना चाहिए। जहां तक चुनावी वर्ष में आयु सीमा बढ़ाकर कर्मचारियों को लुभाने का प्रयास है। वैसे प्रदेश के पांच लाख में से लगभग 2 लाख ऐसे कर्मचारी हैं, जो पूर्व में ही 62 वर्ष में सेवानिवृत्त होते हैं। इसके साथ ही सरकार ने कुटिलता पूर्वक कर्मचारियों की आयु सीमा बढ़ाकर अपने ऊपर आ रहे आर्थिक अधिभार से बचने का प्रयास किया है।

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