दिव्यांग किशोरी से दुष्कर्म का प्रयास करने वाले को 7 वर्ष की सजा

राजस्थान के श्रीगंगानगर में पोक्सो एक्ट मामलों की विशेष अदालत ने आज एक युवक को दिव्यांग किशोरी के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने का दोषी करार देते हुए उसे सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई;

Update: 2019-08-20 00:31 GMT

श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर में पोक्सो एक्ट मामलों की विशेष अदालत ने आज एक युवक को दिव्यांग किशोरी के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने का दोषी करार देते हुए उसे सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। 

पोक्सो एक्ट मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश अमित कड़वासरा ने बलदेवसिंह को दुष्कर्म के प्रयास की धारा 376/511 के तहत सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई और 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। धारा 451 के तहत दो वर्ष की सजा और पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

प्रकरण के अनुसार श्रीगंगानगर जिले के सादुलशहर थाना क्षेत्र के एक गांव में दुष्कर्म के प्रयास की यह घटना 10 अगस्त 2016 को हुई थी। किशोरी दिव्यांग और लाचार है तथा उस दिन घर पर अकेली थी। उसका पिता खेत में रखवाली करने गया हुआ था तथा मां मनरेगा की मजदूरी करने के लिए गई हुई थी। गांव का बलदेवसिंह घर में घुस गया और उससे दुष्कर्म का प्रयास करने लगा। इसी दौरान वहां गुरुद्वारा का सेवादार रोजाना की तरह खाना लेने के लिए आ गया। उसे देखकर बलदेव सिंह भाग गया। सेवादार ने लोगों को बुलाकर बलदेवसिंह की हरकत के बारे में बताया तथा इसकी सूचना पुलिस को दी। 

पीड़ित किशोरी के पिता ने 12 अगस्त को थाने में रिपोर्ट दी जिसके आधार पर बलदेव सिंह के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया। पुलिस ने 16 अगस्त को बलदेवसिंह को गिरफ्तार कर लिया। 

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