एससी/एसटी एक्ट: लोजपा की पुनरीक्षण याचिका दायर करने की मांग

लोजपा ने उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाये जाने पर चिन्ता व्यक्त की;

Update: 2018-03-22 18:39 GMT

नयी दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाये जाने पर चिन्ता व्यक्त करते हुए आज कहा कि सरकार को इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए। 

लोजपा प्रमुख राम विलास पासवान और पार्टी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वी पी सिंह के कार्यकाल के दौरान इस कानून को बनाया गया था और मोदी सरकार के दौरान इसमें संशोधन कर इसके प्रावधानों को और कड़ा किया गया था।

इस कानून की यह विशेषता थी कि प्राथमिकी दर्ज होने के फौरन बाद अभियुक्त की गिरफ्तारी होती थी, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, जिससे इस समुदाय के लोगों में रोष है। 

उन्होंने कहा कि वह केन्द्र सरकार में मंत्री हैं, इसके बादजूद सरकार से इस मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की अपील करते हैं ।  चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी की ओर वह वकीलों की राय ले रहें हैं और जल्दी ही इस मामले में वह पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे । 
 

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