आरटीआई : सूचना आयोग ने भिवानी डीएसपी को दिया अंतिम मौका
पुलिस थानों में वातानुकूलित कक्षों के मामले में सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के एक मामले में हरियाणा राज्य सूचना आयोग ने आदेशों का पालन नहीं किए जाने पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय के रवैये पर नारा;
भिवानी । पुलिस थानों में वातानुकूलित कक्षों के मामले में सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के एक मामले में हरियाणा राज्य सूचना आयोग ने आदेशों का पालन नहीं किए जाने पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय के रवैये पर नाराजगी जताई है और भिवानी पुलिस उपाधीक्षक, मुख्यालय को अंतिम मौका देते हुए एक जुलाई को संबंधित रिकार्ड का निरीक्षण कराने का आदेश दिया है।
गैर सरकारी संस्था स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने पिछले साल 26 जून को जिला
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आरटीआई के जरिए यह सूचना मांगी थी कि एसपी कार्यालय के साथ-साथ पुलिस थानों में कितने कक्ष वातानुकूलित हैं और इनमें कितने एसी लगे हुए हैं। इसके अलावा पिछले दो साल के बिजली बिलों का विवरण भी मांगा गया था। यह जानकारी भी मांगी गई थी कि पुलिस विभाग के पास कितने वातानुकूलित वाहन हैं। इस सूचना का जवाब एक माह बाद 26 जुलाई को आरटीआई कार्यकर्ता के पास भेजा गया, मगर इसमें कई बिदुओं को छिपाया गया था। जिस पर आरटीआई के तहत 14 अगस्त को प्रथम अपील अथॉर्टी एसपी के समक्ष की गई। जिस पर
29 अगस्त को सुनवाई की गई, लेकिन एसपी ने भी इस संबंध में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। इसी तरह दो साल के बिजली बिलों की सूचना पर एसपी ने हवाला देते हुए कहा था कि सूचना अधिकार अधिनियम की धारा (8.1) जे के तहत सूचना उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती। इसमें ये सूचनाएं देने में थर्ड पार्टी कहकर जवाब नहीं दिया। इसके बाद 20 अक्टूबर को मामला राज्य जन सूचना आयोग के समक्ष भेजा गया। जिस पर मुख्य सूचना आयुक्त व हरियाणा के पूर्व डीजीपी यशपाल सिंगल ने 29 नवम्बर को आदेश दिए थे कि सभी बिंदुओं की सूचना आरटीआई कार्यकर्ता को उपलब्ध
कराई जाए और साथ में परमार को निरीक्षण भी कराया जाए। मुख्य सूचना आयुक्त यशपाल सिंगला ने यह भी आदेश दिया था कि आदेश जारी होने के 15 दिन के अंदर मांगी गई सूचनाएं देने व दो दिन के भीतर आरटीआई कार्यकर्ता को एसपी कार्यालय से लिखित में पत्र जारी कर निरीक्षण के लिए बुलाया जाएगा। भिवानी जिला पुलिस मुख्यालय उपाधीक्षक को आदेश दिए कि एक जुलाई को पुलिस विभाग आरटीआई से जुड़ा अपना सारा रिकार्ड तैयार रखें और शिकायतकर्ता को
इसका निरीक्षण कराया जाए और इसकी जानकारी राज्य सूचना आयोग के समक्ष भी भेजी जाए।