आरटीआई का लक्ष्य पारदर्शिता लाना तथा नागरिकों को सशक्त बनाना है : बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि सूचना का अधिकार अधिनियम का सच्चे मायनों में मुख्य लक्ष्य नागरिकों को अधिकार सम्पन्न बनाना, पारदर्शिता लाना, भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था बनाना और लोकतंत्र में देशवासियों की भूमिका को अधिक से अधिक मजबूत बनाना है;
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि सूचना का अधिकार अधिनियम का सच्चे मायनों में मुख्य लक्ष्य नागरिकों को अधिकार सम्पन्न बनाना, पारदर्शिता लाना, भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था बनाना और लोकतंत्र में देशवासियों की भूमिका को अधिक से अधिक मजबूत बनाना है।
श्री बिरला बुधवार को यहां विज्ञान भवन में केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा आयोजित वार्षिक सम्मेलन में “आजादी का अमृत महोत्सवः आरटीआई के माध्यम से नागरिक केन्द्रीत शासन ” विषय पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आरटीआई के कारगर इस्तेमाल से विकसित और भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण करने में सहायता मिलेगी।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इस मौके पर कहा , “ पारदर्शिता और जनभागीदारी मोदी शासन मॉडल की विशिष्ट पहचान है।” उन्होंने कहा कि 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्र की सत्ता संभाली तभी से पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक केन्द्रीत कामकाज शासन मॉडल की विशिष्ट पहचान बन गये हैं। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों के दौरान सूचना आयोग की आजादी और संसाधन को मजबूत करने के लिये अनेक कदम उठाये गये।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 24 घंटे की पोर्टल सेवा शुरू की है। “ यह सेवा देश-विदेश में कहीं से भी, किसी भी समय – चाहे रात हो या दिन, आरटीआई आवेदनों की ई-फाइलिंग के लिये शुरू की गई। प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल मोबाइल आधारित एप्लीकेशन, ई-फाइलिंग, ई-हियरिंग, ई-नोटीफिकेशन आदि के विकास के लिये किया गया। ” उन्होंने कहा कि आयोग ने जो मोबाइल ऐप विकसित किया है उससे अपील करना आसान हो गया है । इन कदमों के चलते आयोग में 2020-21 में लंबित 38116 मामलों की संख्या अब 23405 तक आ गयी है।
डा़ सिंह ने लोगों से अपील की कि वे अंधाधुंध आरटीआई आवेदन दायर न करें बल्कि पहले यह पता कर लें कि जो जानकारी वे मांग रहे हैं वह पहले से ही तो उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकार सम्पन्न नागरिक लोकतंत्र का महत्त्वपूर्ण स्तंभ हैं और केंद्रीय सूचना आयोग सूचना के जरिये लोगों को अधिकार सम्पन्न बनाने के लिये काम करता रहेगा। उन्होंने कहा कि आरटीआई अकेले काम करने वाला कानून नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र को मजबूत करने, शासन-व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और आम नागरिकों की क्षमता निर्माण करने के बड़े विमर्श का हिस्सा है।
मुख्य सूचना आयुक्त वाईके सिन्हा ने कहा कि आरटीआई के जरिये पारदर्शिता और जवाबदेही का स्तर बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से व्यवस्था में भ्रष्ट व्यवहार को नियंत्रित करने में भी सफलता मिली है।
कार्यक्रम में राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सूचना आयुक्तों और केंद्रीय सूचना आयोग के अन्य अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।