तेल की बढ़ती कीमतें,मोदी सरकार की गलत नीतियों का नतीजा: अशोक गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी गलत आर्थिक नीतियों के कारण पेट्रोल एवं डीजल के दाम बढ़ रहे हैं, जिससे आमजन त्रस्त हैं;
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी गलत आर्थिक नीतियों के कारण पेट्रोल एवं डीजल के दाम बढ़ रहे हैं, जिससे आमजन त्रस्त हैं।
अशोक गहलोत ने आज सोशल मीडिया के जरिए कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों से आमजन त्रस्त है। पिछले ग्यारह दिनों से लगातार दाम बढ़ रहे हैं। यह मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का नतीजा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें फिलहाल संयुक्त प्रगितशील गठबंधन (संप्रग) के समय से आधी हैं लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग अफवाह फैलाते हैं कि राजस्थान सरकार पेट्रोल पर सबसे अधिक टैक्स लगाती है इसलिए यहां कीमतें ज्यादा हैं। भाजपा शासित मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर राजस्थान से ज्यादा टैक्स लगता है इसीलिए जयपुर में पेट्रोल की कीमत भोपाल से कम है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों से आमजन त्रस्त है। पिछले 11 दिनों से लगातार दाम बढ़ रहे हैं। यह मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का नतीजा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें फिलहाल UPA के समय से आधी हैं लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई हैं।
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मोदी सरकार पेट्रोल पर 32.90 रुपये एवं डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगाती है। जबकि 2014 में यूपीए सरकार के समय पेट्रोल पर सिर्फ 9.20 रुपये एवं डीजल पर महज 3.46 रुपये एक्साइज ड्यूटी थी। मोदी सरकार को आमजन के हित में अविलंब एक्साइज ड्यूटी घटानी चाहिए।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 20, 2021
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उन्होंने कहा कि कोविड के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है एवं राज्य का राजस्व घटा है। लेकिन आमजन को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने पिछले महीने ही वैट में दो प्रतिशत की कटौती की है। मोदी सरकार ऐसी कोई राहत देने की बजाय पेट्रोल-डीजल की कीमतें रोज बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने राज्यों के हिस्से वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी को लगातार घटाया है और अपना खजाना भरने के लिए केवल केन्द्र के हिस्से वाली एडिशनल एक्साइज ड्यूटी एवं स्पेशल एक्साइज ड्यूटी को लगातार बढ़ाया है। इससे अपने आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए राज्य सरकारों को वैट बढ़ाना पड़ रहा है।
मोदी सरकार ने राज्यों के हिस्से वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी को लगातार घटाया है और अपना खजाना भरने के लिए केवल केन्द्र के हिस्से वाली एडिशनल एक्साइज ड्यूटी एवं स्पेशल एक्साइज ड्यूटी को लगातार बढ़ाया है।इससे अपने आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए राज्य सरकारों को वैट बढ़ाना पड़ रहा है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार पेट्रोल पर 32.90 रुपये एवं डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगाती है। जबकि 2014 में संप्रग सरकार के समय पेट्रोल पर सिर्फ 9.20 रुपये एवं डीजल पर महज 3.46 रुपये एक्साइज ड्यूटी थी। मोदी सरकार को आमजन के हित में अविलंब एक्साइज ड्यूटी घटानी चाहिए।
कोविड के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है एवं राज्य का राजस्व घटा है। लेकिन आमजन को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने पिछले महीने ही वैट में 2% की कटौती की है। मोदी सरकार ऐसी कोई राहत देने की बजाय पेट्रोल-डीजल की कीमतें रोज बढ़ा रही है।
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कुछ लोग अफवाह फैलाते हैं कि राजस्थान सरकार पेट्रोल पर सबसे अधिक टैक्स लगाती है इसलिए यहां कीमतें ज्यादा हैं। भाजपा शासित मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर राजस्थान से ज्यादा टैक्स लगता है इसीलिए जयपुर में पेट्रोल की कीमत भोपाल से कम है।
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