आजकल पांव जमी पर रुकते नहीं मेरे...
माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 के परिणाम रविवार को घोषित कर दिए;
नोएडा। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 के परिणाम रविवार को घोषित कर दिए। शहर में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कॉलेज के अधिकांश कॉलेजों का परीक्षा परिणाम 100 प्रतिशत रहा।
पिछले वर्ष की तुलना में दोनों ही कक्षाओं का परिणाम सराहनीय रहा। जिसको लेकर स्कूलों के प्रधानाचार्या भी काफी उत्सुक दिखे। हाईस्कूल में आरके इंटर कॉलेज के उदित दुबे ने 89.167 प्रतिशत अंक हासिल कर शहर में टॉप किया। वहीं, इंटरमीडिएट में भवानी इंटर कॉलेज के शरद कुमार ने 87.6 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रथम स्थान प्राप्त किया। माध्यमिक शिक्षा परिषद के दोनों ही कक्षाओं के एक साथ परीक्षा परिणाम जारी कर जहा इतिहास रचा। वहीं, छात्रों में परीक्षा परिणाम को लेकर सुबह से ही उत्सुकता का माहौल रहा। दोपहर को परिणाम घोशित होने के साथ ही छात्रों ने साइबर कैफे व मोबाइल पर अपना परिणाम देखा।
हाईस्कूल में उदित दुबे ने जहा शहर में पहला स्थान मिला वहीं, जनपद में टॉप चार में अपना नाम शामिल करने में सफल रहे। वहीं, दूसरे स्थान पर गवर्नमेंट इंटर कॉलेज की छात्रा रोहनी मिश्रा रही। उन्होंने 89 प्रतिशत अंक हासिल किए। जनपद में उन्होंने पांचवा स्थान आर्जित किया। तीसरे स्थान पर कृष्णा इंटर कॉलेज के प्रदीप रहे। उन्होंने 88.5 प्रतिशत अंक हासिल किए। इसी तरह इंटरमीडिएट में दूसरे स्थान पर आरके इंटर कॉलेज के आशीष कुशवाह रहे। उन्होंने 86 प्रतिशत अंक हासिल किए। जनपद में नवीं रैंक हासिल की।
क्या कहते हैं 12वीं के टॉपर
शहर में इंटरमीडिएट में टॉप करने वाले शरद कुमार कंप्यूटर साइंस में अपना भविष्य बनाना चाहते है। इसके लिए वह तैयारियों में जुट गए है। उन्होंने जेईईई, यूपीयीयू परीक्षा दी है। बेहतर कॉलेज मिलने के बाद वह इसमे दाखिला लेना चाहते हैं। शरद अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता व शिक्षकों को देना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि घर में दो बड़े भाई और दो बड़ी बहने हंै। पिता जी एक्सपोर्ट कंपनी में काम करते हैं।
माता हाउस वाइफ हैं। घर का खर्चा भी बमुश्किल पूरा हो पाता है। पिता राम सिंह ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई में कभी भी आर्थिक स्थिति इस पर हावी होने नहीं दी गई। मलाल तो रहता है। लेकिन परीक्षा परिणाम ने उस मलाल को खुशी में बदल दिया। आगे की पढ़ाई का खर्चा भी बहुत है।
कोशिश यही रहेगी कि किसी भी तरह से बच्चे की पढ़ाई में कोई बाधा न आए। शरद ने बताया कि पढ़ाई के लिए टाइम मैनजमेंट बेहद जरूरी है। टाइम मैनजमेंट से हमें यह पता चलता है कि अभी कितना पढ़ना है और कितना बचा है।
ऊपर से शिक्षकों का सहयोग इतना अच्चा हो तो सफलता मिलना तय है। बताते चले कि शरद ने हाईस्कूल में भी टॉप किया था।