अदालत की अनुमति के बाद होगी सफाई कर्मचारियों की भर्ती
प्रदेश में जब सत्ता और निजाम बदलता है तो उसकी के साथ ये भी तय हो जाता है कि पिछली सरकार के किये गए फैसलों में से कितने फैसले रद्द किए जाए;
गाजियाबाद। प्रदेश में जब सत्ता और निजाम बदलता है तो उसकी के साथ ये भी तय हो जाता है कि पिछली सरकार के किये गए फैसलों में से कितने फैसले रद्द किए जाए । लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है। दरअसल सपा सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई सफाई कर्मचारियों की भर्ती पर उच्च न्यायालय की रोक लगी तो लाखों युवाओं का भविष्य संदूकों में बंद हो गया। अब वह अदालत के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
अदालत से भर्ती करने की अनुमति मिलने पर ही अब भर्ती संभव है। वहीं आवेदन कर चुके युवा इसकी जानकारी करने के लिए नगर निगम पहुंच रहे हैं। हर रोज नगर निगम में सैकड़ो लोग आवेदन की जानकारी के लिए पहुंच रहे है । आप को बता दे कि गाजियाबाद नगर निगम में करीब 2300 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती होनी थी। इसके लिए पांचवीं पास से लेकर इंजीनियरिंग और एमबीए कर चुके युवाओं ने भी आवेदन किया था। करीब 80 हजार से ज्यादा आवेदन नगर निगम पहुंचे थे।
निगम अधिकारियों ने सभी आवेदकों का रिकार्ड कंप्यूटर पर दर्ज भी करा दिया था। इनके अलावा मोदीनगर, मुरादनगर और लोनी नगर पालिका में भी भर्ती होनी थी। बुलंदशहर जिले की नगर पालिकाओं में भी करीब 15 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती होनी थी। यहां भी करीब एक लाख से ज्यादा आवेदन पहुंचे थे। निकाय अधिकारियों ने तैयारियां पूरी करा ली थीं।
हर रोज आवेदक पहुच रहे है नगर निगम
भर्ती पर लगी रोक के संबंध में कोई आदेश आया या नहीं इसकी जानकारी लेने के लिए आवेदक नगर निगम पहुंच रहे हैं।