आरबीआई 'क्रिप्टोकरेंसी' की सुरक्षा सुनिश्चित करे : एसोचैम

उद्योग संगठन एसोचैम ने भारतीय रिजर्व बैंक के देश में आधिकारिक आभासी मुद्रा लाने के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए रविवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार में डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए;

Update: 2018-04-08 22:02 GMT

नई दिल्ली। उद्योग संगठन एसोचैम ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के देश में आधिकारिक आभासी मुद्रा लाने के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए रविवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार में डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। आरबीआई ने बैंक समेत सभी नियंत्रित कंपनियों के बिटक्वाइन जैसी आभासी मुद्राओं में कारोबार पर रोक लगाते हुए कहा कि वह वैध डिजिटल मुद्रा लाने पर विचार कर रहा है। 

एसोचैम ने एक विज्ञप्ति में कहा, "आरबीआई जब क्रिप्टोकरेंसी लाने की दिशा में काम शुरू करेगा तो निस्संदेह इसका अंतर-विभागीय अध्ययन समूह आभासी मुद्रा की सुरक्षा संबंधी सभी पहलुओं का परीक्षण करेगा।"

क्रिप्टोकरेंसी निजी तौर पर दुनिया के विभिन्न भागों में उपयोग में है और इसके प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा है। 

उद्योग संगठन ने कहा, "हाल ही में इसकी सुरक्षा की जरूरत पर ज्यादा ध्यान दिया गया है, क्योंकि तकरीबन 8.7 करोड़ फेसबुक यूजर के डाटा में सेंधमारी की गंभीर घटनाएं सामने आई हैं।"

एसोचैम ने कहा, "आभासी मुद्रा जगत के लिए आरबीआई के ये कदम बिल्कुल व्यावहारिक और साहसिक हैं।"

एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा, "प्रौद्योगिकी के मंचों की संख्या में निरंतर हो रही वृद्धि से हम अपने आपको अलग-थलग नहीं रख सकते। धोखाधड़ी, डाटा लीक आदि से आभासी मुद्रा का उपयोग करने वाले हर व्यक्ति को अवश्य सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।"

भारत में हर बिटक्वाइन का कारोबार 10 लाख रुपये से ज्यादा है, जबकि लोग इसमें 3,000 रुपये से कई लाख रुपये निवेश कर रहे हैं।

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