राम मंदिर निर्माण हमारा संकल्प : भागवत

 राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने एक बार फिर राम मंदिर का राग अलापा है। उन्होंने कहा है कि राम मंदिर का निर्माण इच्छा नहीं संकल्प है;

Update: 2018-03-21 23:37 GMT

छतरपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने एक बार फिर राम मंदिर का राग अलापा है। उन्होंने कहा है कि राम मंदिर का निर्माण इच्छा नहीं संकल्प है। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के मऊसहानियां में महाराजा छत्रसाल की 52 फुट ऊंची प्रतिमा के अनावरण समारोह में बुधवार को भागवत ने कहा, "राम मंदिर का निर्माण सिर्फ इच्छा नहीं, संकल्प है। राम मंदिर बनाने वालो को कुछ न कुछ करना होगा। राम मंदिर निर्माण कब होगा मूल प्रश्न यही है, इस निमित्त हमें अपने आप को तैयार करना होगा।"

मोहन भागवत ने वर्तमान समय को राम मंदिर निर्माण का सबसे अनुकूल समय बताते हुए कहा, "राम मंदिर बनने के लिए समय अनुकूल है, इसलिए राम मंदिर बनाने वालों को राम जैसा बनना पड़ेगा। तभी यह कार्य संभव है।"

आरएसएस के सरसंघ चालक ने कहा, "महाराज छत्रसाल ने समाज के सब लोगों को जोड़कर अपने साम्राज्य की स्थापना की थी, महाराज छत्रसाल शिवाजी महाराज के पास पहुंचे और उनसे परिस्थितिवश सम्प्रदाय की प्रजा के बीच भेद उत्पन्न करने वाले दुश्मनों को ठिकाने लगाने उनकी सेना में शामिल होने का मन बनाया था, लेकिन शिवाजी ने महाराज छत्रसाल को अपने परिश्रम से प्रजा की रक्षा करने हेतु वापस कर दिया था।" 

डा. मोहन राव भागवत ने कहा कि महाराज छत्रसाल को भय दूर-दूर तक नहीं था, चंद साथियों के साथ दुश्मनों से भिड़ जाने में वे माहिर रहे। 

प्रतिमा अनावरण समारोह में मोहन भागवत के साथ मंच पर न छत्रसाल के वंशजों को बैठने दिया गया और न ही नेताओ को, उनके साथ मंच साझा किया केवल धर्म गुरुओ ने किया।

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