राजस्थान में तीन जगहों पर बम धमकी से मची अफरा-तफरी, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां तुरंत जांच में जुटी

राजस्थान में सोमवार को बम धमकी से अफरा-तफरी मच गई। कोटा कलेक्टर ऑफिस, कोटा के एक प्रमुख कोचिंग संस्थान और जयपुर स्थित राजस्थान हाईकोर्ट को ईमेल के जरिए धमकी दी गई, जिसके बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां तुरंत हरकत में आ गईं। सभी जगहों पर सुरक्षा घेराबंदी कर व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया गया;

By :  IANS
Update: 2025-12-08 11:51 GMT

राजस्थान में तीन जगहों पर बम धमकी से हड़कंप, जांच जारी

जयपुर। राजस्थान में सोमवार को बम धमकी से अफरा-तफरी मच गई। कोटा कलेक्टर ऑफिस, कोटा के एक प्रमुख कोचिंग संस्थान और जयपुर स्थित राजस्थान हाईकोर्ट को ईमेल के जरिए धमकी दी गई, जिसके बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां तुरंत हरकत में आ गईं। सभी जगहों पर सुरक्षा घेराबंदी कर व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया गया।

अधिकारियों के मुताबिक, धमकी भरा ईमेल कोटा कलेक्टर के आधिकारिक एड्रेस पर भेजा गया। इसमें लिखा था, "कोटा कलेक्टर ऑफिस और जवाहर नगर स्थित शिखर कोचिंग सेंटर को आरडीएक्स बम से उड़ाया जाएगा।"

सुबह करीब 7:20 बजे मिले इस ईमेल के बाद प्रशासन तुरंत हरकत में आया। कलेक्टर ऑफिस और कोचिंग सेंटर को तुरंत खाली कराया गया। पुलिस, बम डिटेक्शन और डिस्पोजल स्क्वाड, डॉग स्क्वाड और सेना के जवानों को मौके पर तैनात किया गया। हर कोने का पूरी तरह से निरीक्षण किया जा रहा है।

कोटा कलेक्टर पियूष समारिया ने पुष्टि की कि धमकी ईमेल में खुद को केरल का रहने वाला बताने वाले आरोपी ने जिम्मेदारी भी ली है।

इसी तरह राजस्थान हाईकोर्ट, जयपुर में भी ईमेल के जरिए धमकी भेजी गई। कोर्ट परिसर में तुरंत सुरक्षा बढ़ा दी गई और तलाशी अभियान चलाया गया। अभी तक किसी भी स्थान से विस्फोटक या संदिग्ध सामान नहीं मिला है। अधिकारियों का कहना है कि यह एक समन्वित फर्जी धमकी भी हो सकती है, जिसका मकसद दहशत फैलाना है।

राजस्थान में धमकी का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। 3 दिसंबर को जयपुर कलेक्टरेट को धमकी मिली थी। 4 दिसंबर को अजमेर कलेक्टरेट और गरीब नवाज दरगाह को ईमेल से धमकी मिली थी। 5 दिसंबर को राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर को बम की धमकी दी गई थी।

इसके बावजूद किसी भी जगह विस्फोटक नहीं मिला, जिससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि ये धमकियां डर फैलाने के उद्देश्य से भेजी जा रही हैं।

गृह विभाग के अधिकारियों के अनुसार, धमकी भरे सभी ईमेल विदेशी वीपीएन सर्वर के जरिए भेजे गए हैं। कई सर्वर उन देशों के हैं, जिनके साथ भारत की जांच संबंधी संधि नहीं है। ऐसे में ईमेल भेजने वाले का पता लगाना चुनौती बन गया है।

केंद्रीय एजेंसियों को जांच में शामिल कर लिया गया है और साइबर टीम डिजिटल फुटप्रिंट खंगाल रही है।

सरकार ने सभी सरकारी इमारतों में सुरक्षा बढ़ा दी है। लोगों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें लेकिन अफवाहों या डर का माहौल न बनने दें।

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