एडीसी बैंक मानहानि मामले में पेशी के लिए गुजरात पहुंचे राहुल गांधी

 कांग्रेस नेता राहुल गांधी अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (एडीसी बैंक) में नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर रद्द किये गये;

Update: 2019-07-12 14:13 GMT

अहमदाबाद । कांग्रेस नेता राहुल गांधी अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (एडीसी बैंक) में नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर रद्द किये गये नोट जमा किये जाने के बारे दिये गये बयानों को लेकर दायर मानहानि के एक मामले में एक अदालत में पेशी के सिलसिले में आज यहां पहुंच गये।

दोपहर साढ़े बारह बजे यहां सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे  गांधी वहां से सर्किट हाऊस चले गये। आज वह गुजरात कांग्रेस की दो बैठकोे में भी भाग लेंगे। वह दोपहर बाद ढाई बजे यहां मेट्रो कोर्ट परिसर में कोर्ट संख्या 13 में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होंगे। कांग्रेस ने एक बयान में कहा है  गांधी के खिलाफ देश भर में दायर 20 से अधिक मानहानि के मुकदमें उन्हे डराने और प्रताड़ित करने की नीयत से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के कायकर्ताओं ने किये हैं पर गांधी बिना इनसे भयभीत हुए इनका सामना करेंगे और सभी मामलों में निर्भिकता के साथ अदालतों में अपना पक्ष रखेंगे। 

अहमदाबाद में श्री @RahulGandhi जी का वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं  द्वारा जोरदार स्वागत।#RahulGandhiInAhmedabad pic.twitter.com/gqKpSLVkXR

— UP West Youth Congress (@IYC_UPWest) July 12, 2019


 

पिछले साल अगस्त माह में एडीसी बैंक के चेयरमैन अजय पटेल ने अदालत में मानहानि का मामला दर्ज कराया था। इस बैंक के निदेशकों में भाजपा के अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं। उन्होंने इस मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को भी आरोपी बनाया है।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने इस मामले को प्रथम दृष्टया मानहानि का मामला मानते हुए  गांधी और  सुरजेवाला को समन जारी किया था। अदालत ने गत 27 अगस्त को इस मामले की जांच के आदेश दिये थे और बाद में साक्ष्याें की जांच की गयी थी।

पिछले साल जून में  सुरजेवाला ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि इस बैंक में आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद मात्र पांच दिन में ही 745.58 करोड रूपये के पुराने रद्द किये गये 500 और 1000 रूपये के नोट बदल दिये थे। उस अवधि में देश के कुल 370 जिला सहकारी बैंक में नोटों की ऐसी यह सबसे बड़ी अदलाबदली थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि बैंक के चेयरमैन पटेल स्वयं भाजपा के एक नेता हैं और श्री शाह के करीबी सहयोगी हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि गुजरात में भाजपा नेताओं की अध्यक्षता वाले 11 जिला सहकारी बैंकों ने नोटबंदी के पहले पांच दिन में ही 3,118.51 करोड़ रूपये जमा कराये गये थे। 

गांधी ने भी इस मामले में  शाह और भाजपा पर निशाना साधते हुए 22 जून को ट्विट किया था- ‘बधाई हो अमित शाह जी, निदेशक, अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक। आपके बैंक ने पुराने नोटों को बदलने में पहला पुरस्कार हासिल किया है। महज पांच दिन में ही 750 करोड़ रूपये। करोड़ो भारतीय जिनकी जिंदगी नोटबंदी ने बर्बाद कर दी थी, आपकी इस उपलब्धि को सलाम करते हैं।’
 पटेल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं के झूठे आरोपों ने बैंक की छवि को नुकसान पहुंचाया है और इसके लिए उनके खिलाफ मानहानि का मामला चलाया जाना चाहिए ।

ज्ञातव्य है कि गुजरात में इसके अलावा  गांधी के खिलाफ मानहानि के दो अन्य मामलों में भी समन जारी हो चुके हैं। अहमदाबाद की एक अन्य मेट्रोपाॅलिटन अदालत ने जबलपुर की एक चुनावी रैली में  गांधी द्वारा  अमित शाह को हत्या का अभियुक्त कहे जाने को लेकर यहां महानगरपालिका में भाजपा के एक पार्षद की ओर दायर मानहानि के मामले में गत मंगलवार को ही दोबारा समन जारी कर उन्हें नौ अगस्त को पेश होने को कहा है। बेंगलुरू की एक रैली में सभी मोदी चोर हैं कहने को लेकर सूरत में विधायक पूर्णेश मोदी की ओर से दायर मानहानि के एक अन्य मामले में भी मंगलवार को वहां की अदालत ने  गांधी के खिलाफ समन जारी कर 16 जुलाई को पेश होने कहा है।
 

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