राफेल पर सुनवाई: सरकार ने कहा- रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए दस्तावेज

राफेल मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने लड़ाकू विमान से संबंधी कोई भी अतिरिक्त दस्तावेज़ लेने से इन्कार;

Update: 2019-03-06 15:53 GMT

नई दिल्ली । केंद्र ने आज अदालत को बताया कि राफेल से संबंधित अति महत्वपूर्ण दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए हैं। केंद्र ने कहा कि ये वही दस्तावेज हैं, जो मीडिया में दिखाए गए और 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद पर सर्वोच्च न्यायायल द्वारा 14 दिसंबर को सरकर को दी गई क्लीन चिट को वापस लेने की मांग करने के लिए याचिकाकर्ताओं ने इन्हीं का हवाला दिया है। भारतीय वार्ताकार दल (आईएनटी) के तीन सदस्यों द्वारा आठ पृष्ठों के नोट में व्यक्त की गई असहमति का जिक्र करते हुए महान्यायवादी के.के. वेणुगोपाल ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ की पीठ को बताया कि इसकी जांच की जा रही है कि दस्तावेजों को पूर्व कर्मचारियों ने चुराया या वर्तमान कर्मचारियों ने।

महान्यायवादी ने आईएनटी के तीन सदस्यों की टिप्पणी के संदर्भ में अंग्रेजी दैनिक 'द हिंदू' में प्रकाशित एक लेख का उल्लेख किया और कहा कि इसकी जांच की जा रही है। यह लेख अखबार के पूर्व संपादक एन. राम ने लिखे थे।

महान्यायवादी ने राफेल संबंधित याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई से ठीक पूर्व आठ फरवरी को अखबार में एक रपट प्रकाशित करने के लिए आपत्ति दर्ज कराई।

इसपर प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने जानना चाहा कि अगर ये दो लेख 'अनधिकृत' दस्तावेजों के आधार पर प्रकाशित हुए थे तो सरकार ने आठ फरवरी को इस स्टोरी के प्रकाशित होने पर सबसे पहले क्या कार्रवाई की।

अदालत ने महान्यायवादी को रक्षा मंत्रालय से कथित तौर पर चोरी हुए दस्तावेजों पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी भी मांगी।

महान्यायवादी ने पुनर्विचार याचिका और अदालत को गुमराह करने वाले अधिकारियों के खिलाफ 'झूठी गवाही का मामला' शुरू करने की मांग वाली याचिका को खारिज करने की मांग की। इसपर अदालत ने कहा कि प्रशांत भूषण को अपना पक्ष रखने दीजिए कि आखिर वह क्या चाहते हैं और फिर अदालत तय करेगी कि इसके किस हिस्से को स्वीकार करना है।
 

 

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